अलीगढ़ नहीं अब हरिगढ़… डिप्टी सीएम बोले- प्रयागराज और अयोध्या की तरह इसे भी बदलें
उत्तर प्रदेश में शहरों के नाम बदलने की बहस फिर छिड़ गई है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ करने की मांग की है. उन्होंने यह मांग कल्याण सिंह की पुण्यतिथि समारोह में की. उन्होंने अयोध्या और प्रयागराज के नाम बदलने का हवाला देते हुए अलीगढ़ के नाम को भी बदलने को कहा. अभी दो दिन पहले पहले शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी किया गया था.
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम हाल ही में बदलकर परशुरामपुरी कर दिया गया. ऐसे में राज्य के कई और हिस्सों के नाम बदलने की मांगे उठने लगी हैं. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार कहा कि अयोध्या और प्रयागराज की तरह अलीगढ़ का नाम भी बदल दिया जाना चाहिए और इसका नया नाम हरिगढ़ किया जाना चाहिए.
राज्य के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की पुण्यतिथि के मौके पर ‘हिंदू गौरव दिवस’ समारोह का आयोजन किया गया था. इसकी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम ने मांग की है कि अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ किया जाना चाहिए.उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि ‘बाबूजी’यानी कल्याण सिंह को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया जाना चाहिए.
पहले किसके नाम बदले गए?
डिप्टी सीएम ने कहा कि कल्याण सिंह अलीगढ़ के रहने वाले थे. उन्होंने दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में काम किया है. साथ ही राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी अहम भूमिका रही. आप सभी जानते हैं कि अयोध्या को पहले फैजाबाद कहा जाता था. लेकिन, सीएम योगी के नेतृत्व में इसका नाम बदलकर फिर से अयोध्या कर दिया गया.
इसी तरह प्रयागराज को पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था. अभी दो दिन पहले ही शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी कर दिया गया है. तो फिर अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ करने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए. इस मौके पर सीए योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और दूसरे कई बड़े नेताओं ने पूर्व सीएम कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की.
केशव प्रसाद मौर्य ने मंच से समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल का पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के मसलों पर ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर चल रहा है. उन्होंने कहा कि बाबूजी की पुण्यतिथि पर हम सपा की साइकिल (पार्टी का चुनाव चिन्ह) को उखाड़कर सैफई भेजने का संकल्प लेते हैं. यही बाबूजी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.