यूपी में आयुर्वेदिक डॉक्टर भी अब कर सकेंगे छोटे-मोटे ऑपरेशन, जल्द मिल सकती है कैबिनेट की मंजूरी

यूपी में आयुर्वेदिक डॉक्टरों को छोटी मोटी सर्जरी की अनुमति देने का विचार किया जा रहा है. इसको लेकर गाइडलाइन तैयार की जा रही है. जल्द ही इसे अप्रूवल के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा. एक बार अप्रूवल आने के बाद यूपी में सर्जरी को लेकर ये नई व्यवस्था लागू हो जाएगी.

आयुर्वेदिक चिकित्सकों को मिल सकती है सर्जरी की परमिशन ( फाइल फोटो)

प्रदेश में अब से आयुर्वेद चिकित्सक भी छोटे-मोटे ऑपरेशन कर सकेंगे. आयुष विभाग इसके लिए गाइडलाइन भी तैयार कर रहा है. जानकारी के मुताबिक आयुर्वेद चिकित्सकों को टांके लगाने, बवासीर, फोड़ा फुंसी और नाक, कान गला से संबंधित छोटी सर्जरियों को करने की अनुमति दी जा सकती है. फिलहाल, अभी इस व्यवस्था को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह लागू कर दी जाएगी.

बता दें कि आयुर्वेद चिकित्सकों को भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद ने छोटी-मोटी सर्जरी के लिए अनुमति दे दी है. लेकिन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इस फैसले का विरोध कर रहा है. अब इसे लागू करना और ना करना राज्य सरकारों के हाथों में है.

आयुर्वेदिक चिकित्सकों को 6 महीने की लेनी होगी ट्रेनिंग

माना जा रहा है आयुर्वेद चिकित्सकों को छोटे-मोटे सर्जरी करने से एलोपैथिक अस्पतालों में हल्की सर्जरी के लिए लगने वाली मरीजों की भीड़ में कमी आएगी. जानकारी के मुताबिक गाइडलाइन में ये भी प्रावधान किया जाएगा कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों को एलौपैथिक अस्पताल में 6 महीने की विशेष ट्रेनिंग लेनी होगी. यहां वह सर्जरी के दौरान बरते जाने वाले उपायों और सावधानियों के बारे में जान सकेंगे.

आंध्र प्रदेश में लागू हो चुकी है ये व्यवस्था

बता दें कि भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (सीसीआईएम) के छोटी-मोटी सर्जरी के लिए अनुमति देने के बाद आंध्र प्रदेश में इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार भी अब इसे लागू करने पर विचार कर रही है. धीरे-धीरे हर राज्य में ये व्यवस्था लागू किया जाना है.

भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद ने नियमों में किया था संशोधन

भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (सीसीआईएम) ने शल्य और शल्य के स्नातकोत्तर छात्रों को छोटी-मोटी सर्जरी करने की अनुमति देने के लिए भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक शिक्षा) विनियम में संशोधन किया था. इसके मुताबिक जिन्होंने शल्य तंत्र और शल्यक में पोस्ट ग्रैजुएशन किया उन्हें छोटी सर्जरी की अनुमति होगी.