10 लोगों की मौत के बाद भी नहीं लिया सबक, बिना अनुमति फिर शुरू हुआ 65 फीट ऊंचे मचान का निर्माण
उत्तर प्रदेश के बागपत में 10 लोगों की जान लेने वाले मचान हादसे के बाद भी सबक नहीं लिया गया. एक बार फिर से उसी स्थान पर 65 फीट ऊंचा मचान बनाया जा रहा है. इस बार भी बिना प्रशासनिक अनुमति के निर्माण कार्य हो रहा है. इससे स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता है. हालांकि मंगलावार को प्रशासन की टीम ने इस निर्माण कार्य का जायजा लिया है.
उत्तर प्रदेश के बागपत में एक बार फिर उस 65 फीट ऊंचे मचान का निर्माण शुरू हो गए, जहां इसी साल जनवरी महीने में बड़ा हादसा हुआ था. इस हादसे में 10 लोगों की मौत भी हो गई थी. अब आयोजक भले ही कहें कि इस बार मचान का निर्माण लकड़ी की जगह लोहे के पोल से किया जा रहा है, बावजूद इसके स्थानीय लोगों को सुरक्षा की चिंता सताने लगी है. लोगों इस आशंका को देखते हुए अब जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. एडीएम के नेतृत्व में एक टीम ने निर्माण कार्य का जायजा लिया.
यह मचान उसी मान स्तम्भ परिसर में बनाया जा रहा है, जहां पहले हादसा हुआ था. इसके लिए अभी तक प्रशासनिक अनुमति नहीं ली गई है. यह मचान 14 से 16 नवंबर तक होने वाले त्रिदिवसीय मान स्तम्भ प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम के लिए तैयार किया जा रहा है. आयोजन समिति का दावा है कि मचान के निर्माण में सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. इसके लिए मचान में लकड़ी के बजाय लोहे की मजबूती डालने की कोशिश हो रही है.
कार्यक्रम को नहीं दी अनुमति
मंगलवार को एडीएम के नेतृत्व में प्रशासन की टीम मचान का निर्माण कार्य देखने पहुंची. इस दौरान एडीएम बागपत विनीत उपाध्याय के साथ मौके पर नायब तहसीलदार, सीओ विजय कुमार और थानाध्यक्ष मनोज कुमार चहल भी मौजूद रहे. अधिकारियों ने मचान की बनावट और उसकी सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया. जहां खामी नजर आई, उसे सुधारने के लिए आयोजकों को दिशा निर्देश दिए.साथ ही चेतावनी दी कि मचान तैयार होने के बाद सुरक्षा मानकों की जांच होगी. इसके बाद ही कार्यक्रम की अनुमति दी जा सकती है.
कल फिर होगा निरीक्षण
अधिकारियों के मुताबिक बुधवार को इस निर्माणाधीन मचान का दोबारा से निरीक्षण किया जाएगा. इसी क्रम में पावर कॉरपोरेशन की टीम भी आयोजन स्थल पर विद्युत व्यवस्था और सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं का निरीक्षण करने पहुंची. बता दें कि 28 जनवरी में हुए हादसे में इस मचान हादसे में जिन परिवारों ने अपनों को खोया था, उनके लिए आज भी वह दुख हरा है. यही वजह है कि एक बार फिर नया मचान खड़े होते देख स्थानीय लोगों के मन में डर और संशय की स्थिति बन गई है.