वाह रे विकास! पहले नाव से पार करते थे नदी, अब पुल बना तो चढ़ने के लिए लगानी पड़ती है सीढ़ी

बलिया के चितबड़ागांव में तमसा नदी पर बना पुल आठ सालों से अधूरा है. सेतु निगम ने पुल तो बना दिया, लेकिन आज तक इसके लिए अप्रोच रोड ही नहीं बनाया. ऐसे हाल में स्थानीय लोगों ने लकड़ी की सीढ़ी से पुल पर चढ़कर नदी पार करते हैं. हालांकि संबंधित तस्वीरें वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया है और अगले तीन महीनों में अप्रोच रोड बनाने का दावा किया है.

बलिया में तमसा नदी पर बना अनोखा पुल

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर कहते थे कि जब देश का विकास होगा तो बलिया का विकास अपने आप हो जाएगा. अब देश का विकास तो हो रहा है, लेकिन बलिया अब भी वहीं का वहीं है. विश्वास ना हो तो चितबड़ागांव में तमसा नदी के ऊपर बने पुल को देख सकते हैं. इस पुल पर चढ़ने के लिए तो अप्रोच रोड बना है, लेकिन उतरने के लिए नहीं है. यह स्थिति आज से नहीं, बल्कि करीब 8 साल से है. पड़ताल करने पर पता चला कि सेतु निगम ने इस पुल के लिए जो जमीन एक्वायर की है, वो जमीन ही यहां नहीं है. अब इस पुल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद डीएम ने मामले की जांच और कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

अब बलिया के डीएम मंगला प्रसाद सिंह का कहना है कि पुल बनाते समय कुछ इश्यू थे, जिन्हें ब्रिज कारपोरेशन साल्व नहीं कर पाया. अब उनकी संज्ञान में यह मामला आया है और वह कोशिश कर रहे हैं कि अगले दो से तीन महीने के अंदर एप्रोच रोड का निर्माण कराते हुए इस पुल को चालू करा दें. बता दें कि चितबड़ागांव में तमसा नदी के ऊपर पुल की मांग लंबे समय से चल रही थी. लोगों की इस मांग पर सेतु निगम ने साल 2017 में 17 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण कराया था.

सेतु निगम ने पुल बनाने के साथ इसके एक तरफ अप्रोच रोड का भी निर्माण कराया, लेकिन दूसरी तरफ अप्रोच रोड नहीं बनाया. बावजूद इसके साल 2024 में सेतु निगम ने इस पुल का कंपलीशन रिपोर्ट दे दिया. चूंकि स्थानीय लोगों के दैनिक कामकाज के लिए यह पुल काफी महत्वपूर्ण है, ऐसे हालात में लोगों ने लकड़ी सीढ़ी लगाकर इस पुल से आवागमन शुरू कर दिया है. हालांकि इस तरह से आवागमन में खतरे की आशंका हमेशा बनी रहती है. अब मीडिया में संबंधित तस्वीरें सामने आने के बाद प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लिया है.

चितबड़ागांव नगर पंचायत के अध्यक्ष का कहना है कि सेतु निगम ने लापरवाही बरती है. इस पुल के एप्रोच मार्ग के लिए निगम ने जमीन का अधिग्रहण ही गलत जगह पर किया है. इस लापरवाही की वजह से आज तक पुल का काम पूरा नहीं हो सका. जबकि इसे पूरा करने की अवधि काफी समय पहले ही पूरी हो गई थी. वहीं, जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि यह पुल ब्रिज कारपोरेशन का है और ब्रिज कारपोरेशन ने खुद ही इसका निर्माण भी कराया है. इस पुल में दोनों तरफ से एप्रोच मार्ग बनने थे, लेकिन एक ही तरफ से अप्रोच रोड बनाकर छोड़ दिया गया. अब प्रशासन इस कोशिश में है कि अगले तीन माह में यह अप्रोच रोड बन जाए.