‘मेरी जमीन पर अलखनाथ मंदिर…’, मुस्लिम युवक के दावे पर बरेली में बवाल, रोकना पड़ा नाथ कॉरिडोर का काम
उत्तर प्रदेश के बरेली में प्राचीन अलखनाथ मंदिर की 6500 साल पुरानी भूमि पर विवाद की स्थिति बन गई है. इस जमीन पर एक मुस्लिम युवक ने दावा करते हुए नाथ कॉरिडोर के काम को रोक दिया है. यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है. अखाड़ा परिषद और हिंदू संगठन आक्रोशित हैं, उन्होंने डीएम से मिलकर शिकायत दर्ज कराई है.
उत्तर प्रदेश में अब तक राजभवन से लेकर विधानसभा तक की जमीन पर वक्फ बोर्ड दावा करता रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बरेली में अब प्राचीन अलखनाथ मंदिर की जमीन पर एक मुस्लिम व्यक्ति ने अपना दावा ठोक दिया है. इस व्यक्ति के दावे के बाद नाथ कॉरिडोर के काम में बड़ी बाधा आ गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल इस कॉरिडोर का काम तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. इसके बाद हिन्दू संगठनों और अखाड़ा परिषद के संतों में आक्रोश फैल गया है.
अखाड़ा परिषद के संतों ने इस संबंध में डीएम बरेली से मिलकर आक्रोश जताई है. साथ ही अखाड़ा परिषद की ओर से डीएम को शिकायत भी दी है. कहा कि कॉरिडोर के निर्माण का काम तेज़ी से चल रहा था. मंदिर परिसर में बनी पुरानी दुकानों को हटाने के बाद पर्यटन विभाग ने यहां निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया था, कि अचानक से हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारी मुकेश यादव, जमील अहमद और कुछ अन्य लोग यहां आ गए और जमीन पर अपना दावा ठोकते हुए काम रुकवा दिया. इनके हंगामे की वजह से ठेकेदार और मजदूर डरकर मौके से भाग गए.
6500 साल पुराना है मंदिर का इतिहास
अलखनाथ मंदिर के महंत कालू गिरी के मुताबिक यह मंदिर बेहद प्राचीन है और इसका इतिहास 6500 वर्ष से भी अधिक पुराना है. उन्होंने बताया कि करीब 84 बीघे जमीन पर फैला मंदिर परिसर आनंद अखाड़ा के नागा संतों के अधीन है. उन्होंने बताया कि कुछ मुस्लिम लोगों की नजर मंदिर की जमीन पर है और वह स्थानीय लोगों के साथ मिलकर विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री नाथ नगरी कॉरिडोर की सौगात दे रहे हैं, इसके तहत यहां करोड़ों रुपये खर्च कर सौंदर्यीकरण का काम हो रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए मंदिर भूमि को विवादित बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
बीजेपी का मिला समर्थन
मंदिर के संतों को अब बीजेपी का समर्थन मिल गया है. बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष धर्म विजय गंगवार ने कहा कि बाबा की सरकार में मंदिर की जमीन कब्जाने की सोच रखना भी अपराध है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी जल्द ही बरेली आने वाले हैं. यह मुद्दा सीधा उनके सामने रखा जाएगा. इस दौरान मंदिर में कई पीढ़ियों से प्रसाद बेच रहे दुकानदारों ने भी कहा कि मंदिर की जमीन पर आज तक किसी ने दावा नहीं किया. बता दें कि नाथ नगरी कॉरिडोर के तहत 32.5 किमी लंबा परिक्रमा मार्ग बनाया जा रहा है. इस मार्ग में बरेली की चारों दिशाओं में स्थित सातों शिव मंदिर धोपेश्वरनाथ, तपेश्वरनाथ, अलखनाथ, वनखंडीनाथ, पशुपतिनाथ, त्रिवटीनाथ और मढ़ीनाथ शामिल हैं.
ये मंदिर भी परियोजना में शामिल
इस परियोजना में बरेली के काली देवी मंदिर, तुलसी स्थल, बांके बिहारी मंदिर, आनंद आश्रम, हरि मंदिर, रामायण मंदिर और नौ देवी मंदिर को भी शामिल किया गया है. यह सभी मंदिर परिक्रमा मार्ग पर हैं. काली देवी मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां निसंतान दंपति की मन्नत पूरी होती है. इस कॉरिडोर में पैदल नहीं चल पाने वाले भक्तों के लिए ई-रिक्शा और टैक्सी चलाने की योजना है.