‘साहब! हम जिंदा हैं…’ बरेली में मृत बनाकर रोका पेंशन, 32 विधवाओं ने लगाई DM के दरबार में फरियाद
बरेली में 32 विधवा महिलाओं को मृत दिखाकर उनकी पेंशन रोक दी गई. डीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संज्ञान लिया है. अब तक की जांच में करोड़ों की अनियमितता सामने आई, जिसमें अपात्रों के खातों में राशि ट्रांसफर की गई. दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई तय है, जिससे सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता की उम्मीद जगी है.
उत्तर प्रदेश के सरकारी ऑफिसों में बैठकर सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. नया मामला बरेली में सामने आया है. यहां अधिकारियों ने 32 विधवा महिलाओं को मृत दिखाकर उनकी पेंशन रोक दी. जब काफी समय तक पेंशन नहीं मिला तो इन महिलाओं ने पूछताछ की. इसमें पता चला कि वह मर चुकी हैं. ऐसे में इन महिलाओं ने खुद को जिंदा होने का सबूत लेकर डीएम ऑफिस में गुहार लगाई है. डीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
पीड़ित विधवाओं की फरियाद पर डीएम ने संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है. वहीं इस मामले में रिपोर्ट को दबाए रखने के लिए बीडीओ और एसडीएम को कड़ी फटकार लगाई है. इस मामले में अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संज्ञान लिया है. जानकारी के मुताबिक पहले 11 विधवाओं ने कलक्ट्रेट में अर्जी दाखिल करते हुए खुद को जिंदा होने का दावा किया था. आरोप लगाया था कि उन्हें गलत तरीके से मृत घोषित कर पेंशन रोक दी गई है. इस शिकायत पर डीएम ने संबंधित बीडीओ और एसडीएम से रिपोर्ट तलब की थी. अभी यह रिपोर्ट आई भी नहीं थी कि 21 और महिलाएं डीएम के दरबार में इसी तरह की शिकायत लेकर पहुंच गईं.
एडीएम करेंगे निगरानी
चूंकि अब तक बीडीओ ने रिपोर्ट दाखिल नहीं किया तो डीएम ने एसडीएम को मामले की जांच सौंपी, लेकिन उनकी रिपोर्ट भी अब तक लंबित है. ऐसे में डीएम अविनाश सिंह ने नाराजगी जताते हुए दोनों अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है. उन्होंने चेतावनी दी है कि जांच रिपोर्ट तुरंत नहीं आई तो अधिकारी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. इसी के साथ उन्होंने अब इस रिपोर्ट पर निगरानी के लिए एडीएम सिटी को जिम्मेदारी दी है. उधर, मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी मामले पर संज्ञान लिया है.
डीपीओ की जांच में चौंकाने वाला खुलासा
मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश पर डीपीओ ने मामले की जांच की. इसमें पाया गया कि आंवला क्षेत्र में 56 अपात्र लोगों के खाते में विधवा पेंशन की रकम भेजी गई. इन खातों में करीब 1.23 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिला प्रोबेशन अधिकारी डीपीओ मोनिका राणा से जवाब मांगा है. डीएम अविनाश सिंह के मुताबिक उन्होंने भी अपनी ओर से अपर मुख्य सचिव को डीपीओ की लापरवाही और योजना के संचालन में की गई अनियमितता की जानकारी भेज दी है. इसी के साथ डीपीओ के खिलाफ कार्रवाई की लिए संस्तुति भी कर दी गई है.
डीएम बोले- नहीं बचेंगे दोषी
इस मामले में डीएम ने साफ कर दिया है कि दोषी चाहें जो हो, कोई नहीं बचेगा. उन्होंने कहा कि इस गड़बड़ी के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और फिर लापरवाही बरतने वालों पर एक्शन होगा. उन्होंने बताया कि मृत दिखाए गए जिंदा लाभार्थियों की लंबी सूची है. अभी एसडीएम और बीडीओ की जिम्मेदारी तय करते हुए रिपोर्ट मांगी गई है. डीएम के इस तेवर को देखकर प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. वहीं मृत घोषित इन विधवाओं ने राहत की सांस ली है.