भदोही के पूर्व MLA विजय मिश्रा पर ED का शिकंजा, दायर चार्जशीट पर कोर्ट ने लिया संज्ञान
भदोही के पूर्व विधायक विजय मिश्रा पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की है, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है. आरोप है कि सार्वजनिक पद पर रहते हुए मिश्रा ने ₹36.07 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. विजय मिश्रा पर जबरन वसूली, हत्या, लूट जैसे आरोप हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के इलाहाबाद सब-जोनल कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 में भदोही से पूर्व विधायक विजय मिश्रा, उनकी पत्नी और पूर्व एमएलसी राम लाली मिश्रा सहित कुल पांच आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी, जिस पर लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को संज्ञान लिया.
ईडी ने यह चार्जशीट 31 जुलाई 2025 को दाखिल की गई थी, जिसपर 8 दिसंबर 2025 को विशेष न्यायाधीश, सीबीआई कोर्ट-1, लखनऊ ने संज्ञान लिया. ईडी की यह कार्रवाई पुलिस द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू हुई थी. जांच में सामने आया कि विजय मिश्रा और राम लाली मिश्रा ने सार्वजनिक पद पर रहते हुए करीब 36.07 करोड़ की संपत्ति अर्जित की.
अवैध कमाई को छिपाने के लिए बनाई थी कंपनी
पूर्व विधायक विजय मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने अवैध कमाई को वैध दिखाने के लिए कंपनी बनाई. इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 14 जुलाई और 26 जुलाई 2023 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की थी. आरोप है कि यह संपत्ति चल और अचल दोनों रूपों में जमा की गई थी.
ईडी की जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि विजय मिश्रा और उनके परिवार के खिलाफ प्रदेश के कई जिलों में पहले से ही कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें रंगदारी, अवैध खनन, अपहरण, हत्या, लूट, धोखाधड़ी, जालसाजी, साजिश और संगठित अपराध जैसे आरोप शामिल हैं, जो उनके लंबे आपराधिक इतिहास की ओर इशारा करते हैं.
ईडी के अनुसार, सार्वजनिक पद पर रहते हुए विजय मिश्रा और राम लाली मिश्रा ने अपने पद का दुरुपयोग किया और अवैध कमाई को छिपाने के लिए वीएसपी स्टार्र रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई. इसी कंपनी के जरिए काले धन को सफेद करने की कोशिश की गई और उसके नाम पर बड़ी-बड़ी संपत्तियां खड़ी की गईं.
अब तक 25.46 करोड़ रुपये की संपत्तियां हुई जब्त
जांच एजेंसी ने बताया कि इस पूरे लेन-देन में विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा और उनके करीबी सहयोगी भोलानाथ शुक्ला की अहम भूमिका रही. काले धन को कारोबार में लगाकर उसे वैध दिखाने की कोशिश की गई. इतना ही नहीं, कुछ रकम को फर्जी तरीके से कर्ज के रूप में दिखाकर उसे साफ-सुथरा धन साबित करने का प्रयास भी किया गया.
इस मामले में ईडी ने अब तक 25.46 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां जब्त की हैं. जब्त की गई संपत्तियों में प्रयागराज, नई दिल्ली, मुंबई और मध्य प्रदेश के रीवा में स्थित व्यावसायिक और आवासीय संपत्तियां शामिल हैं. ईडी ने बताया कि इस पूरे मामले में जांच अभी जारी है. आगे कई और अहम खुलासे हो सकते हैं.