‘कृषि क्षेत्र में बना दिया ‘रामराज्य’ जैसा माहौल’, किसान रामसरन वर्मा ने की CM योगी की तारीफ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाराबंकी में पद्मश्री किसान रामसरन वर्मा से मुलाकात की. इस दौरान वर्मा ने सीएम योगी को अपनी सफलता की कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि 1988 में बैलों से हल चलाकर खेती शुरू की थी और आज प्रगतिशील किसान बन चुके हैं. वही, मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र में किए गए उनके काम की सराहना की.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को बाराबंकी के दौलतपुर गांव पहुंचे. जहां उन्होंने पद्मश्री रामसरन वर्मा के हाईटेक फार्म का निरीक्षण किया. साथ ही आयोजित ‘खेती की बात खेत पर’ कृषक सम्मेलन में शामिल हुए. इस दौरान सीएम योगी ने किसान पाठशाला का शुभारंभ किया. सीएम के आगमन पर रामसरन वर्मा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.
‘खेती के जादूगर’ के रूप में प्रसिद्ध वर्मा ने अपनी वैज्ञानिक कृषि तकनीकों से खेती में क्रांति ला दी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र में रामराज्य जैसा माहौल बना दिया है. रामसरन वर्मा ने समर्थन मूल्य, गन्ना किसानों को लाभ और विभिन्न कृषि अनुदानों को किसानों की तरक्की का बड़ा आधार बताया.
आज हम सवा लाख का चश्मा पहनते हैं- रामसरन
रामसरन वर्मा ने छोटे और लघु सीमांत किसानों को प्रदेश की असली ताकत बताते हुए कहा कि उनकी बढ़ती आमदनी ही प्रदेश को विकास की दिशा में आगे बढ़ा रही है. साथ ही अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि 1988 में उन्होंने बैलों से हल चलाकर खेती शुरू की थी और आज प्रगतिशील किसान बन चुके हैं.
उन्होंने कहा आज हम सवा लाख का चश्मा पहनते हैं, यह सब सरकार की देन है. उनके इस बयान पर पूरा पंडाल ठहाकों से गूंज उठा. नामों की सूची पढ़ते समय जब उनका अपना नाम आया तो वह खुद ही बोल पड़े यह तो हमारा नाम है. जिस पर सीएम योगी भी हंस पड़े. वहीं, सीएम योगी ने भी वर्मा की सराहना की.
कृषि विकास की दर को 8.6% से 17.7% पहुंचाया- CM
सीएम योगी रामसरन वर्मा के खेत पर किसान पाठशाला 8.0 का शुभारंभ करने पहुंचे थे. उन्होंने कृषि प्रक्षेत्र का निरीक्षण किया, विभिन्न कृषि स्टालों को देखा और प्रगतिशील किसानों से मुलाकात की. सीएम ने किसान पाठशाला का उद्घाटन करते हुए किसानों को प्रशस्ति पत्र देकर उनका सम्मान भी किया.
सीएम ने एक्स पर लिखा, ‘अब लखनऊ के सचिवालय में बैठकर नहीं, खेती की बात किसान के खेत पर होगी. आज प्रदेश के अंदर 79 कृषि विज्ञान केंद्र सक्रिय हैं. जिसमें कई कृषि विज्ञान केंद्र तो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में कार्य कर रहे हैं. पिछले 8 सालों में कृषि विकास की दर को 8.6% से बढ़ाकर 17.7% पहुंचाया है.
