दिल्ली ब्लास्ट की आंच बरेली पहुंची, मीट कंपनियों में बिना वेरिफिकेशन के 27 कश्मीरी गार्ड, मचा हड़कंप

बरेली में दो मीट यूनिट्स सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं. इनमें सुरक्षा गार्ड के तौर पर कुल 27 कश्मीरी युवक तैनात थे. सबसे हैरानी वाली बात ये थी किसी का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया था. इसके अलावा मीट कंपनियों ने जिस सिक्योरिटी एजेंसी गॉर्ड्स को हायर किया था उसका मालिक भी कश्मीरी है.

सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर बरेली की दो मीट कंपनियों

दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियों के जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. अब इसकी आंच कानपुर, सहारनपुर से होते हुए बरेली तक पहुंच गई है. एजेंसियों को कुछ ऐसे इनपुट मिले जिसके आधार पर बरेली की दो बड़ी मीट एक्सपोर्ट कंपनियां रडार पर आ गई हैं. जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उससे पुलिस अफसरों की चिंता बढ़ा दी है.

जानकारी के मुताबिक बरेली में जो मीट यूनिट्स एजेंसियों की रडार पर आई हैं उसमें सुरक्षा गार्ड के तौर पर कुल 27 कश्मीरी युवक तैनात थे. ये सभी पिछले कुछ समय से यहां काम कर रहे थे. लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि नौकरी पर रखने से पहले किसी का भी स्थानीय पुलिस से वेरिफिकेशन हुआ था, जो इस स्थिति को और गंभीर बना रहा है.

निजी सिक्योरिटी एजेंसी से हायर किए थे गार्ड

जांच टीम ने जब इन गार्डों की भर्ती और तैनाती से जुड़ी जानकारी खंगाली तो मालूम हुआ कि दोनों मीट कंपनियों ने एक निजी सिक्योरिटी एजेंसी से गार्ड मंगाए थे. आगे जांच बढ़ी तो यह तथ्य भी सामने आया कि जिस सिक्योरिटी एजेंसी ने गार्ड भेजे, उसका संचालक भी कश्मीर का रहने वाला है. यह जानकारी सामने आते ही पुलिस की सतर्कता और बढ़ गई. अधिकारियों ने तुरंत सिक्योरिटी एजेंसी के रजिस्ट्रेशन, वैधानिक दस्तावेज और उसके मालिक के पुराने रिकॉर्ड की भी जांच शुरू कर दी.

पुलिस का मानना है कि जब किसी संवेदनशील समय में बाहर से आने वाले लोगों को सुरक्षा से जुड़ी जिम्मेदारी दी जाती है, तो उसका वेरिफिकेशन होना बेहद जरूरी है. लेकिन यहां कंपनियों ने बिना स्थानीय जांच कराए ही गार्ड तैनात कर दिए. फिलहाल पुलिस इस ओर गंभीरता से जांच कर रही है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में गार्ड एक साथ कैसे रख लिए गए और इनका बैकग्राउंड क्या है.

एलआईयू के हाथ में पूरी जांच

मामला संवेदनशील लगने पर पूरा केस बरेली की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) को सौंप दिया गया है. एलआईयू ने सभी 27 युवकों का रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है. यह पता लगाया जा रहा है कि वे किस रास्ते से बरेली पहुंचे, उन्हें यहां किसने हायर कराया और भर्ती की पूरी प्रक्रिया क्या थी. साथ ही उनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड, पारिवारिक बैकग्राउंड और सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच की जा रही है.

युवकों के बैंक खाते की भी की जा रही जांच

सिर्फ पहचान और कागजी औपचारिकताएं ही नहीं, बल्कि इन युवकों के बैंक खातों और डिजिटल पेमेंट पर भी पुलिस की नजर है. जांच टीम यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कहीं इनके खातों से किसी संदिग्ध नंबर या लोकेशन पर बड़ा लेन-देन तो नहीं हुआ. आजकल कई बार सामान्य दिखने वाले खातों का इस्तेमाल फंड ट्रांसफर के लिए किया जाता है, इसलिए पुलिस कोई जोखिम नहीं लेना चाहती. प्रत्येक युवक के रोजमर्रा के खर्च, बैंक स्टेटमेंट और ट्रांजैक्शन हिस्ट्री की बारीकी से जांच की जा रही है.

जांच रिपोर्ट जल्द सौंपेगी पुलिस

पूरी जांच अब अंतिम स्टेज में है. एलआईयू और स्थानीय पुलिस मिलकर सभी पहलुओं की पड़ताल कर रही है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जानकारी भले ही संदिग्ध लग रही हो, लेकिन अंतिम रिपोर्ट ही स्थिति स्पष्ट करेगी. फिलहाल बरेली की सुरक्षा एजेंसियां पूरी सतर्कता के साथ मामले पर नजर बनाए हुए हैं.