ब्राह्मण विधायकों की बैठक के बीच PM मोदी से मिले ब्रजेश पाठक, यूपी में सियासी हलचल तेज

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात ने यूपी में सियासी हलचल बढ़ा दी है. यह भेंट ब्राह्मण विधायकों की लखनऊ बैठक के ठीक बाद हुई, जिसे कई मायनों में अहम माना जा रहा है. इस दौरान ब्रजेश पाठक के साथ वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी भी मौजूद थे.

दिल्ली में पीएम मोदी से मिले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और वाराणसी महापौर अशोक तिवारी

उत्तर प्रदेश की सियासत में ठिठुरती ठंड के बीच गर्माहट बढ़ गई है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब कुछ दिन पहले ही ब्राह्मण विधायकों की एक बड़ी बैठक लखनऊ में हुई थी, जिसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे.

ब्रजेश पाठक शुक्रवार (26 दिसंबर) को अचानक दिल्ली पहुंचे और पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात में वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी भी साथ थे. इसे राजनीतिक नजरियों से इसलिए भी देखा जा रहा है कि क्योंकि, एक दिन पहले 25 दिसंबर को पीएम मोदी लखनऊ में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करने आए थे. इस दौरान पाठक भी मौजूद थे.

PM मोदी को वॉलीबॉल चैंपियनशिप का दिया निमंत्रण

ब्रजेश पाठक ने खुद सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘आज दिल्ली में विश्व के लोकप्रिय नेता, हमारे पथ प्रदर्शक, प्रेरणास्रोत देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आत्मीय भेंटकर स्नेहिल सानिध्य व कुशल मार्गदर्शन प्राप्त किया. अपना बहुमूल्य समय देने के लिए हृदय से आभार.’

आधिकारिक रूप से यह मुलाकात शिष्टाचार की बताई गई है. मुलाकात के दौरान पाठक और महापौर तिवारी ने प्रधानमंत्री को 4 से 11 जनवरी तक वाराणसी में आयोजित होने वाली नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप का निमंत्रण दिया. हालांकि, सियासी नजरिए से इसके कई मायनें निकल रहे हैं. क्योंकि ब्राह्मण विधायकों की बैठक के ठीक बाद यह दौरा हुआ है.

यूपी में कुल 52 ब्राह्मण विधायकों में बीजेपी से 46 MLA

23 दिसंबर को कुशीनगर के बीजेपी विधायक पीएन पाठक के लखनऊ स्थित आवास पर ब्राह्मण विधायकों और नेताओं का सहभोज आयोजित हुआ था. इसमें बीजेपी सहित कई दलों के करीब 35-40 ब्राह्मण विधायक शामिल हुए. बैठक को सामाजिक और सांस्कृतिक बताया गया, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे ब्राह्मण समुदाय की गोलबंदी से जोड़कर देख रहे हैं.

प्रदेश में कुल 52 ब्राह्मण विधायक हैं, जिनमें से 46 बीजेपी के हैं. इससे पहले ठाकुर और अन्य समाजों के विधायकों की भी ऐसी अनौपचारिक बैठकें हो चुकी हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ब्राह्मण विधायकों की बैठक के ठीक पाठक अचानक दिल्ली पहुंचे है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पाठक ने समाज की भावनाओं या मुद्दों को पीएम तक पहुंचाया हो.

आंतरिक कलह या बीजेपी की 2027 की रणनीति?

ब्रजेश पाठक खुद ब्राह्मण समाज के मजबूत चेहरे हैं और बीजेपी में उनका कद लगातार बढ़ रहा है. हाल ही में बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिला है, साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं भी जोरों पर हैं. ऐसे में यह मुलाकात पार्टी की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह ब्राह्मण समुदाय को सशक्त संदेश देने की कवायद हो सकती है.

राजनीतिक जानकार इसे खासकर 2027 के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं. वहीं, विपक्षी दल इसे बीजेपी की आंतरिक कलह करार दे रहे हैं. हालांकि, बीदेपी नेताओं ने इसे सामान्य मुलाकात बताया है. फिलहाल, समय ही बताएगा कि इस मुलाकात के सियासी निहितार्थ क्या निकलते हैं, लेकिन यूपी की राजनीति में हलचल तो जरूर तेज हो गई है.