डॉ. शाहीन की गैंग में नहीं डॉ. आरिफ! संस्थान को लिखा मैं बेकसूर, ATS ने बरी किया

दिल्ली में हुए बम धमाके की जांच में उत्तर प्रदेश ATS ने लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान के छात्र डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर को हिरासत में लिया था. जांच के बाद ATS और NIA ने उन्हें क्लीन चिट देकर रिहा कर दिया. आरिफ मीर ने निर्दोष पाए जाने के बाद मानसिक और शारीरिक थकान का हवाला देते हुए कुछ सप्ताह न आने का अनुरोध किया है.

डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर रिहा

दिल्ली में हुए बम धमाके की जांच में एक बड़ी खबर सामने आई है. उत्तर प्रदेश ATS ने लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (एलपीएस कार्डियोलॉजी) के डीएम कार्डियोलॉजी छात्र डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर को हिरासत में लिया था. उसे 12 नवंबर को हिरासत में लिया गया था. श्रीनगर के रहने वाले डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर को एटीएस और एनआईए (NIA) ने रिहा कर दिया. 17 नवंबर को उसने इस बात की जानकारी संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सकों को वॉट्सऐप के ज़रिए दी. इसी के साथ उन्होंने कुछ सप्ताह संस्थान न आ पाने की बात कही और मानसिक व शारीरिक थकान का हवाला देते हुए छुट्टी का अनुरोध किया.

डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर ने इस साल नीट-एसएस-2025 काउंसलिंग के जरिए एलपीएस कार्डियोलॉजी संस्थान में दाखिला लिया था. उन्होंने डीएम कार्डियोलॉजी कोर्स जॉइन किया था. इसके बाद मोहम्मद आरिफ ने 1 अगस्त, 2025 को संस्थान जॉइन किया था.

मोहम्मद आरिफ कानपुर के अशोक नगर स्थित अपने किराए के मकान में रहता था. यहीं से यूपी एटीएस की टीम ने उसे हिरासत में लिया था. दिल्ली में हुए बम धमाके से उसका कनेक्शन होने की आशंका जताई जा रही थी. मिली जानकारी के अनुसार, जांच एजेंसियां उसके कुछ संपर्कों की गहनता से जांच कर रही थीं, जिनमें जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्रवक्ता डॉ. शाहीन भी शामिल थीं.

वॉट्सऐप पर बताई ये बात

हिरासत से छूटने के बाद, डॉ. आरिफ मीर ने शुक्रवार देर रात संस्थान के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. उमेश्वर पांडेय को वॉट्सऐप पर अपनी रिहाई की जानकारी दी. इसी के साथ आरिफ मीर ने अपनी लोकेशन और अपनी एक तस्वीर भी भेजी. मीर ने बताया कि उन्हें निर्दोष पाया गया है और जांच एजेंसियों ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है.

मैं पूरी तरह बेकसूर हूं…

मैसेज में डॉ. आरिफ ने लिखा कि वो पूरी तरह निर्दोष हैं. एटीएस और एनआईए ने 17 नवंबर को उन्हें रिहा कर दिया. लेकिन मानसिक और शारीरिक रूप से थके होने के कारण वह कुछ हफ्तों तक संस्थान नहीं आ सकेंगे.

संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश वर्मा का भी बयान सामने आया है. उन्होंने डॉ. आरिफ के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें इस संबंध में अभी तक कोई औपचारिक मेल नहीं भेजा गया है. उनका कहना है कि शासन की ओर से सभी औपचारिकताएं पूरी होने और लिखित अनुमति मिलने के बाद ही उन्हें वापस ड्यूटी पर रखा जाएगा. प्रो. वर्मा ने स्पष्ट कहा कि संस्थान शासन के दिशा-निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन करेगा.