ड्रोन से LOC पार कराई, बागपत पहुंची हथियारों की खेप; चौंका देगा आर्म्स तस्करी का ये नेटवर्क

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने बागपत में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का खुलासा किया है. यह गिरोह पंजाब-यूएस आधारित गैंगस्टर सोनू खत्री से जुड़ा है. यह गिरोह जीपीएस युक्त ड्रोन का उपयोग कर पाकिस्तान से LOC पार हथियारों की खेप भेजता था. चार बदमाशों की गिरफ्तारी के साथ, इस नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है.

बागपत में पकड़े गए हथियार सप्लायर

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने बागपत में एक बड़े हथियार तस्करी गिरोह का खुलासा किया है. यह गिरोह पंजाब-यूएस आधारित गैंगस्टर सोनू खत्री (उर्फ राजेश कुमार) से जुड़ा है. इस गिरोह से जुड़े लोग जीपीएस युक्त ड्रोन की मदद से हथियारों की खेप पाकिस्तान से भारतीय सीमा में भेजते हैं और फिर यहां से गैंग के लोग हथियारों को आगे सप्लाई करते हैं. दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह के चार बदमाशों को दबोच लिया है. वहीं गैंग से जुड़े अन्य बदमाशों की तलाश में छापेमारी तेज कर दी है.

पुलिस की जांच में पता चला है कि यह रैकेट में अंतरराष्ट्रीय हथियार सप्लाई, एनक्रिप्टेड कम्युनिकेशन और हवाला कारोबार में लिप्त था. पकड़े गए बदमाशों की पहचान मंदीप सिंह (38 वर्ष) निवासी फिलौर जालंधर पंजाब, दलविंदर कुमार (34 वर्ष) निवासी जालंधर पंजाब, रोहन तोमर (30 वर्ष) निवासी लहौड़ा बागपत और अजय उर्फ मोनू (37 वर्ष) निवासी बावली बागपत के रूप में हुई है. पुलिस ने पकड़े गए बदमाशों के पास से भारी मात्रा में विदेशी हथियार बरामद किए हैं.

पाकिस्तानी हैंडलर की पुष्टि

पुलिस के मुताबिक इन बदमाशों से हुई पूछताछ में पता चला है कि हथियार तस्करी के काम को पाकिसतानी हैंडलर के इशारे पर गैंगस्टर सोनू खत्री (उर्फ राजेश कुमार) ऑपरेट कर रहा था. पकड़े गए बदमाश मंदीप और दलविंदर सोनू खत्री के शार्प सूटर बताए जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस को इन दोनों बदमाशों के बारे में इनपुट मिला था. इसके बाद पुलिस ने नाके पर इनकी गाड़ी को रोककर तलाशी ली और इनके पास से 8 विदेशी पिस्तौल और 84 जिंदा कारतूस बरामद किए.

बागपत से पकड़े गए रोहन-अजय

पुलिस के मुताबिक मंदीप और दलविंदर की निशानदेही पर बागपत से इनके साथियों रोहन और अजय को गिरफ्तार किया गया. इनकी तलाशी में भी पुलिस ने इनके कब्जे से 2 पिस्तौल और 8 कारतूस बरामद किए हैं. पुलिस के मुताबिक रोहन और अजय लंबे समय से दिल्ली-एनसीआर के गिरोहों जैसे गोदी गैंग, भाऊ गैंग और कपिल सांगवान (नंदू) गैंग के लिए काम कर रहे थे. इनका मुख्य काम बेहद हाईटेक तरीके से हथियारों की सप्लाई करना है. ये बदमाश स्कैनिंग में पकड़े जाने के डर से हथियारों को कार्बन-कोटेड मटेरियल में लपेट कर ले जाते थे.