6 साल बाद भी नहीं बढ़ा बिजली टैरिफ, UP के उपभोक्ताओं को सरकार का बड़ा तोहफा

यूपीईआरसी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश में बिजली दरों को लगातार छठे साल स्थिर रखा है, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर यह निर्णय लिया गया. नियामक अधिशेष के कारण टैरिफ बढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ी. ग्रीन एनर्जी टैरिफ में कमी और वितरण हानि कम करने के लक्ष्य भी निर्धारित किए गए हैं, जो ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करते हैं.

यूपी बिजली टैरिफ 2025-26 Image Credit:

यूपीइआरसी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य डिस्कॉम की बिजली दरें नए यूपीइआरसी (वितरण के लिए बहुवर्षीय टैरिफ) विनियम, 2025 के लिए घोषित की हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए लगातार छठे साल बिजली टैरिफ स्थिर रखा. सभी उपभोक्ता वर्गों के लिए बिजली टैरिफ लगातार छठे वर्ष भी स्थिर रखे गए हैं. इसका मतलब यह है कि इस साल भी किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया. वित्त वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक के नियंत्रण अवधि के लिए वितरण हानि की योजना निर्धारित की गई है. यूपीपीसीएल को यह लक्ष्य दिया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में 13.78% रही कुल वितरण हानि को घटाकर वित्त वर्ष 2029-30 में 10.74% तक लाया जाए.

HV कैटेगरी के उपभोक्ताओं के लिए ग्रीन एनर्जी टैरिफ ₹0.36 प्रति यूनिट से घटाकर ₹0.34 प्रति यूनिट कर दिया गया है और LV कैटेगरी के उपभोक्ताओं के लिए यह ₹0.17 प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है. लाइसेंसधारियों को उन उपभोक्ताओं के बिल में पावर फैक्टर दिखाना होगा जिनके लिए V.A.H. आधारित बिलिंग की जा रही है. साथ ही यूपीपीसीएल को सुरक्षा जमा पर मिलने वाले ब्याज से कटे हुए इनकम टैक्स के लिए योग्य उपभोक्ताओं को टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश भी दिया गया है.

वार्षिक राजस्व मंजूरी

आयोग ने हाल ही में अधिसूचित यूपीईआरसी (वितरण के लिए बहुवर्षीय टैरिफ) विनियम, 2025 के तहत वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पांच राज्य डिस्कॉम की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) को मंजूरी दे दी है. आयोग ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1,63,778.24 एमयू बिजली की खरीद के लिए 1,10,993.33 करोड़ रुपये की समेकित एआरआर को स्वीकृत किया. जबकि राज्य डिस्कॉम ने 1,64,592.49 एमयू की अनुमानित खरीद के लिए 1,12,865.33 करोड़ रुपये की एआरआर प्रस्तुत की थी.

आयोग ने वितरण घाटे के लिए राज्य डिस्कॉम द्वारा प्रस्तुत 13.77% के मुकाबले 13.35% को मंजूरी दी है. इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा 17,100 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी. उपभोक्ताओं द्वारा दिए जाने वाले 86,183.29 करोड़ रुपये के राजस्व को भी अनुमोदित किया गया है. इससे यूपीपीसीएल/डिस्कॉम को कुल 1,03,283.29 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा.

क्यों नहीं बढ़ाई गई टैरिफ?

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लाइसेंसी के लिए 7,710.04 करोड़ रुपये का रेगुलेटरी गैप होगा. हालांकि, यह देखते हुए कि 1 अप्रैल 2025 तक यूपीपीसीएल/डिस्कॉम के पास 18,592.38 करोड़ रुपये का अनुमानित जमा रेगुलेटरी सरप्लस है, आयोग ने इस वित्त वर्ष के लिए टैरिफ बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं समझी.