‘लखनऊ घोषणा पत्र’ जारी, 52 देशों के जजों ने की विश्व शांति के लिए UN में सुधार की अपील

लखनऊ घोषणा पत्र में 52 देशों के मुख्य न्यायाधीशों ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में तत्काल सुधार की अपील की. विश्व शांति और स्वच्छ वातावरण के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया. यह सम्मेलन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 की भावना पर आधारित रहा, जो एक नई विश्व व्यवस्था की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

ग्लोबल ज्यूरिस्ट्स के 26वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (21 नवंबर) Image Credit: PTI

लखनऊ में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का रविवार को सफल समापन हुआ. प्राइवेट सिटी मोंटेसरी स्कूल द्वारा तीन दिवसीय सम्मेलन आयोजित की गई. समापन पर 52 देशों के 160 से अधिक मुख्य न्यायाधीशों और न्यायविदों ने सर्वसम्मति से ‘लखनऊ घोषणा पत्र’ जारी किया. इसमें संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) में सुधार की अपील की गई.

यह सम्मेलन 20 से 23 नवंबर तक सीएमएस कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित की गई. यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 की भावना पर आधारित रहा. मुख्य अतिथि लखनऊ की मेयर, सुषमा खर्कवाल ने घोषणा पत्र जारी करते हुए UN में तत्काल सुधार, विश्व शांति और स्वच्छ वातावरण के लिए सभी देशों के प्रयासों पर बल दिया.

यह नई विश्व व्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम

सम्मेलन में न्यायविदों ने UN सुधार, मूलभूत अधिकारों की रक्षा, सभी धर्मों के सम्मान और स्कूलों में नागरिक व शांति शिक्षा को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी, जो एक नई विश्व व्यवस्था की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेयर ने कहा कि यह घोषणा पत्र समता और शांति आधारित नई विश्व व्यवस्था की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

मेयर, सुषमा खर्कवाल ने कहा कि प्रातः सत्र में ‘बिल्डिंग टुमारोज़ लीगल आर्किटेक्चर’ विषय पर चर्चा हुई, जिसमें मिस्र, इस्वातिनी, अर्जेंटीना और सामोआ के शीर्ष न्यायाधीशों ने मध्यस्थता, न्यायिक सहयोग और निरंतर संवाद को वैश्विक स्थिरता के लिए आवश्यक बताया. उन्होंने सभी देशों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की.

CM योगी भी पहले दिन कार्यक्रम में हुए थे शामिल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहले दिन कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा था कि न्याय न केवल समता का बल्कि हर नागरिक की सुरक्षा, स्वावलंबन और उनके भविष्य का आधार बनना चाहिए. वहीं, सम्मेलन संयोजिका गीता गांधी किंगडन ने कहा कि यह मंच गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों के समाधान को दिशा देगा.