इटावा में कथावाचकों पर FIR के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन, पथराव के बाद दरोगा ने लहराई पिस्टल

इटावा जिले में कथावाचक की पिटाई और उसके बाल काटने का मामला जातिवादी और राजनीतिक रूप लेता जा रहा है. अब यादव समाज से जुड़े संगठन पीड़ित कथावाचक के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं. दादरपुर गांव में यादव समाज के युवकों ने पुलिसकर्मियों और उनकी गाड़ियों पर पथराव किया है.

इटावा में यादव समाज का उग्र प्रदर्शन, पुलिस पर पथराव

उत्तर प्रदेश में यादव समाज के कथावाचाकों के खिलाफ एफआईआर का मुद्दा अब आक्रामक होने लगा है. इटावा के दादरपुर गांव में यादव समाज और अहीर रेजिमेंट के युवाओं ने इसको लेकर हिंसक प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, गाड़ियां तोड़ीं और आगरा-कानपुर हाईवे जाम किया. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और वाहन जब्त किए हैं. इस दौरान पथराव करने वाले उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए दरोगा ने पिस्टल भी लहराई.

प्रदर्शनकारी दादरपुर गांव के बाहर खड़े होकर दबंगई दिखा रहे हैं. गांव में घुसने वालों से उसकी जाति पूछ रहे थे. एसपी ग्रामीण और कई थानों की पुलिस द्वारा हाईवे पर प्रदर्शनकारियों की गाड़ियों को पकड़कर सीज किया है. प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस और पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किए जाने के कारण मामला अत्यधिक गंभीर हो चुका है. मामले की गंभीरता को देखते हुए ददरपुर को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया है.

कई उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया

इटावा जिले में कथावाचक की पिटाई और उसके चोटी काटने का मामला जातिवादी और राजनीतिक रूप लेता जा रहा है. यादव समाज से जुड़े संगठन पीड़ित कथावाचक के समर्थन में आ गए हैं. कथावाचकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद कई यादव संगठनों ने दादरपुर गांव में हिसंक प्रदर्शन किया है. इस दौरान पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उनपर भी पथराव किया गया.

मामला इतना टेंस हो गया कि पुलिस अधिकारियों को तनाव शांत करने के लिए पिस्टल तक लहरानी पड़ी. पुलिस ने लाठियां और हवाई फायरिंग कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा है. वहीं, ददरपुर गांव को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया है. एसपी ग्रामीण श्रीश चंद्र ने बताया कि पर्याप्त संख्या में उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस द्वारा कई दो पहिया वाहनों को दादरपुर गांव के बाहर पकड़ कर सीज़ किया गया है.

क्या है पूरा विवाद?

इटावा जिले के दादरपुर गांव में 22 जून को यादव कथावाचक और उनके साथियों से मारपीट की गई थी. यह मुद्दा गैर ब्राह्मणों समाज की ओर से भागवत पाठ करने को लेकर हुआ. इसके बाद उन कथावाचकों की चोटी काट कर उनका सिर मुंडवा दिया गया. आरोप है कि यादव समाज से आने के बाद भी उन्हें दलित समझकर पीटा गया.

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी इसको लेकर सरकार पर आक्रामक हैं. उन्होंने इस घटना पर कहा कि यह इतिहास में बेहद निंदनीय घटना है. उन्होंने सभी पीड़ित कथावाचक को पार्टी ऑफिस में बुलाकर सम्मानित भी किया था. वहीं, पुलिस ने कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी के खिलाफ महिला से छेड़खानी का आरोप में केसल दर्ज किया है, जिसपर बवाल मचा है.