रामपुर की घटना के बाद G-सीरिज नंबर पर रोक, RTO में जाकर बदलवाएं नहीं तो होगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने प्राइवेट वाहनों के G-सीरीज नंबर पर रोक लगा दी है. G-सीरीज नंबर केवल सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित होते हैं. प्राइवेट गाड़ियों को ये नंबर 60 दिनों के भीतर बदलवाने होंगे. नंबर बदलवाने में देरी पर जुर्माना और RC निलंबन जैसे कड़े कदम उठाए जा सकते हैं.
रामपुर में ‘जी’ शृंखला के नंबरों को लेकर हुए स्कैम के बाद यूपी परिवहन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है. यूपी में प्राइवेट गाड़ियों के सभी G-सीरिज नंबर पर रोक लगा दी गई है. परिवहन विभाग का साफ निर्देश है कि G/G नंबर वाली सभी सीरिज केवल सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित हैं. प्राइवेट गाड़ियों को अलॉट किए ये नंबर रद्द किए जाते हैं.
परिवहन आयुक्त कार्यालय, लखनऊ ने सोमवार को इस बाबत एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है. इसमें कहा गया कि अगर कोई सरकारी गाड़ी नीलामी या सेकेंड हैंड खरीदता है, तो उसे तुरंत RTO में जाकर बदलवाएं, नहीं तो सख्त कार्रवाई होगी. G/G नंबर प्लेट 60 दिन में चेंज करा लें, देरी होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
रामपुर में G-सीरिज नंबरों के स्कैम पर कार्रवाई
यूपी के रामपुर में UP22-BG शृंखला के नंबर पर 9,469 प्राइवेट गाड़ियों का पंजीयन हुआ था. जांच में पता चला कि ये नंबर 7 अप्रैल 2025 से 12 अगस्त 2025 के बीच जारी हुआ था. मामले सामने आने पर प्रशासन के होश उड़ गए. इसके बाद सभी नंबर फ्रिज कर दिया गया. साथ ही रामपुर एआरटीओ प्रशासन राजेश कुमार श्रीवास्तव के निलंबन के निर्देश जारी किए.
G-सीरिज नंबर नहीं बदलावाया तो कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि यह व्यवस्था मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा और उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियम, 1998 के नियम 51/51-ए के अनुरूप है. समय सीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी न करने पर धारा 53, MVA के तहत RC निलंबन सहित कार्रवाई हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी भुगतना होगा.
परिवहन विभाग ने कहा है कि जिन प्राइवेट गाड़ियों पर ‘G’शृंखला के नंबर हैं. वो अपने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO/ARTO) जाएं और नया निजी पंजीकरण चिह्न, RC पुनर्मुद्रण और नई HSRP प्लेट लगवाएं. नागरिकों की सुविधा के लिए, जहां तक संभव हो, नए नंबर में अंतिम चार अंक संरक्षित रखे जाएंगे.
प्रक्रिया काफी सरल, ऐसे बदलवाएं नंबर प्लेट
अगर आपके प्राइवेट गाड़ियों के नंबर में भी ‘G’ आता है तो, घबराने की जरूरत नहीं है. आप किसी भी RTO/ARTO कार्यालय में जाएं, वहां काउंटर पर अपना स्लॉट लें. दस्तावेज़ के तौर पर आरसी, पहचान पत्र, नीलामी या हस्तांतरण (फॉर्म-32), पुरानी HSRP प्लेट सरेंडर करें. इसके बाद कुछ दिनों में अपको नया नंबर प्लेट अलॉट कर दिया जाएगा.
G/G नंबर प्लेट केवल सरकारी वाहनों के लिए
दरअसल, G/G नंबर प्लेट केवल सरकारी स्वामित्व तक ही सीमित है. यह एक सरकारी पहचान है. इससे सरकारी गाड़ी को अलग से पहचान लिया जाता है. वहीं, प्राइवेट वाहनों के ये नंबर जारी होना नियमों के विरुद्ध है. प्राइवेट वाहन को ऐसे नंबर जारी होने से टोल टैक्स जैसे जगहों पर इसका दुरुपयोग का जोखिम बढ़ जाता है.