पहले कफ सिरप की खेप, अब पकड़ी गई नकली दवाइयों की फैक्ट्री; दिल्ली क्राइम ब्रांच का गाजियाबाद में बड़ा एक्शन

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गाजियाबाद में एक बड़ी नकली दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. पहले कफ सिरप, अब यहां से भारी मात्रा में नकली दवाएं और कच्चा माल जब्त किया गया है. दो महीने पहले शुरू हुई यह फैक्ट्री दिल्ली-यूपी समेत कई राज्यों में आपूर्ति कर रही थी. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है.

सांकेतिक तस्वीर

राष्ट्रीय राजधानी से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में नकली कफ सिरप का मामला अभी थमा भी नहीं कि यहां नकली दवाओं की एक बड़ी फैक्ट्री का खुलासा हो गया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गाजियाबाद के लोनी इलाके में दबिश देकर इस फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. पुलिस टीम ने इस फैक्ट्री से भारी पैमाने पर नकली दवाइयों की खेप के अलावा रॉ मटेरियल जब्त किया है. अब दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं जानकारी होने पर गाजियाबाद पुलिस ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है.

दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इस फैक्ट्री में तैयार होने वाली नकली दवाइयों की खेप दिल्ली-यूपी समेत कई राज्यों में भेजी जा रही थी. इस संबंध में दिल्ली पुलिस ने पिछले दिनों एक फुटकर विक्रेता को पकड़ा था. पूछताछ में इस फैक्ट्री के नाम का खुलासा हुआ. इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस फैक्ट्री में दबिश देकर 2 लोगों को अरेस्ट किया है. इनमें एक आरोपी इन नकली दवाइयों का सप्लायर है. जबकि दूसरा आरोपी फैक्ट्री संचालक है.

दो पहले शुरू की थी कंपनी

पुलिस के जांच में पता चला है कि आरोपियों दो महीने पहले सितंबर में ही लोनी ट्रॉनिका सिटी थाना क्षेत्र के मीरपुर इलाके में इस फैर्क्टी को शुरू किया था. पुख्ता इनपुट के आधार प्रशासन और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने इस फैक्ट्री पर दबिश दी है. बताया जा रहा है कि इस टीम ने मौके से भारी मात्रा में दवाइयां और कच्चा माल, पैकिंग मशीन और दवाइयां के लेवल बरामद किए हैं.जांच के दौरान सामने आया है कि फैक्ट्री में अलग-अलग नाम की कंपनियों की नकली दवाइयां बनाई जा रही थीं.

नेटवर्क खंगालने में जुटी पुलिस

इस फैक्ट्री के भंडाफोड़ के बाद अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क की पड़ताल में जुट गई है. पुलिस यह पता करने की कोशिश कर रही है कि आरोपी यहां से तैयार माल को कहां और कैसे खपाते थे. इसी के साथ पुलिस इस नेटवर्क में शामिल लोगों की भी पहचान में जुट गई है. इसके लिए पुलिस ने छापेमारी के दौरान कंपनी के अंदर काम करने वाले कर्मचारियों से भी पूछताछ की है. औषधि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यहां तैयार दवाइयों की गुणवत्ता टेस्ट के लिए सैंपल भरा गया है.