अब सिर्फ साढ़े तीन घंटे में लखनऊ से गोरखपुर… लिंक एक्सप्रेस-वे से नेपाल जाना हुआ आसान

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को 'एक्सप्रेसवे राज्य' बनाने की योगी सरकार की नीति का हिस्सा है. 91 किमी लंबा एक्सप्रेसवे गोरखपुर से आजमगढ़ तक फैला है और नेपाल सीमा से करीब 100 किमी दूर है. इससे पर्यटन, व्यापार और सैन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करते सीएम योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से नेपाल आने-जाने वाले यात्रियों की सुविधा भी बढ़ गई है. इसके साथ ही यूपी का एक बेहद महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब पहुंच गया है, जहां से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए नई दिल्ली जाने वाले यात्रियों का सफर बेहद सुहाना हो जाएगा.

91 किलोमीटर लंबा फोर लेन एक्सप्रेसवे गोरखपुर से आजमगढ़ तक फैला है. यह नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से भी करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. नेपाल आने-जाने वाले यात्रियों के लिए सुगमता और सामरिक दृष्टि से यह मार्ग भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. इससे पर्यटन, व्यापार और आपातकालीन स्थितियों में सैन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भी इसका फायदा मिलेगा.

सुदूर नेपाल के पास बसे गांवों के लिए वरदान

यह एक्सप्रेसवे नेपाल आने-जाने वाले यात्रियों के लिए वरदान है. गोरखपुर जो आगे महराजगंज में सोनौली बॉर्डर के जरिए नेपाल से जुड़ा हुआ है. यह नेपाल से आने-जाने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए मुख्य प्रवेश द्वार है. इसके साथ ही यह एक्सप्रेसवे नेपाल से अपनी बीमारी के इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए भी वरदान साबित होगा.

यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से लखनऊ तक का सफर महज साढ़े तीन घंटे में पूरा करेगा. इससे सुदूर नेपाल के पास बसे गांवों के लोग आसानी से उत्तर प्रदेश की राजधानी और वहां से दिल्ली, आगरा जैसे शहरों तक पहुंच सकेंगे. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के साथ यह मार्ग अब सोनौली सीमा से बस या टैक्सी द्वारा गोरखपुर पहुंचने वाले यात्रियों को तेज और सुरक्षित कनेक्टिविटी देगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेसवे राज्य बनाने की योगी सरकार की नीति का हिस्सा है. 91 किमी लंबा एक्सप्रेसवे गोरखपुर से आजमगढ़ तक फैला है और नेपाल सीमा से करीब 100 किमी दूर है. इससे पर्यटन, व्यापार और आपातकालीन स्थितियों में सैन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

इससे लुंबिनी, पोखरा और काठमांडू जैसी जगहों से भारत आने वाले पर्यटकों का समय बचेगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. यह एक्सप्रेसवे भारत-नेपाल सीमा से सटा होने के कारण सामरिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है. नेपाल सीमा के समानांतर यह मार्ग भारत की सीमा सुरक्षा को मजबूत करेगा. यह आपातकालीन स्थिति में सैन्य बलों और संसाधनों की त्वरित तैनाती में सहायक होगा.

साथ ही, इससे भारत-नेपाल व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि नेपाल अपनी आयात जरूरतों के लिए भारत पर निर्भर है. भविष्य में यह एक्सप्रेसवे, नेपाल सीमा के करीब होने वाले गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के साथ मिलकर पुर्वोत्तर तक व्यापार और कनेक्टिविटी के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगा. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे योगी सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश को ‘एक्सप्रेसवे स्टेट’ बनाया गया है.