मृतक के नाम पर बनाया फर्जी इकरारनामा, हड़प ली थी जमीन, अब कोर्ट ने सिखाया सबक
ग्रेटर नोएडा के दनकौर में फर्जी इकरारनामे के आधार पर 4 लोगों ने एक मृतक के परिवार से जमीन हड़प ली थी. परिवार ने इसकी शिकायत पुलिस और प्राधिकरण से की थी लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में परिवार ने न्यायालय का रूख किया. अब कोर्ट ने इस मसले पर फैसला देते हुए आरोपियों को जेल भेज दिया है. साथ पुलिस को चारों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है.
ग्रेटर नोएडा के दनकौर क्षेत्र से जमीन से जुड़ा एक फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां एक मृत किसान के नाम पर फर्जी इकरारनामा कराकर उसके परिवार की जमीन हड़पने की कोशिश की गई. मामला सामने आने के बाद पीड़ित परिवार ने न्यायालय का रुख किया. अब कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उनके पिता की मृत्यु के कई महीनों बाद भी कुछ लोगों ने उनके नाम का गलत इस्तेमाल करते हुए जमीन से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए. यह इकरारनामा पूरी तरह से फर्जी बताया जा रहा है जिसे जमीन अपने नाम कराने के उद्देश्य से तैयार किया गया था.
मृत्यु के बाद भी बना दिया इकरारनामा
धनौरी गांव निवासी पीड़ित सतीश सोलंकी ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु 29 अगस्त 2013 को हो चुकी थी. इसके बावजूद दिसंबर 2014 में उनके पिता के नाम पर 300 वर्ग मीटर के आवासीय भूखंड का इकरारनामा तैयार करा लिया गया. आरोप है कि यह इकरारनामा गाजियाबाद निवासी राजेश कुमार गोयल ती कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर कराया गया. पीड़ित का कहना है कि यमुना प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहण के बाद उन्हें भूखंड आवंटन प्रस्तावित था. इसी का फायदा उठाकर आरोपियों ने साजिश रची और जमीन हड़पने की कोशिश की.
कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
पीड़ित परिवार ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत पहले यमुना प्राधिकरण कार्यालय और स्थानीय पुलिस से भी की थी, लेकिन आरोप है कि उस समय कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद मजबूर होकर पीड़ित को न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा.न्यायालय के आदेश के बाद दनकौर कोतवाली पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस के अनुसार मामले की गंभीरता को देखते हुए दस्तावेजों की जांच की जा रही है और सभी तथ्यों की बारीकी से पड़ताल की जाएगी.