‘योगी जी मेरे परिवार को न्याय दिलवाइए’… लिखकर कारोबारी ने लगा ली फांसी
कानपुर के रहने वाले बिजनेसमैन ओमेंद्र सिंह ने सोमवार यानी 22 दिसंबर की शाम को अपने घर की दूसरी मंजिल पर स्थित कमरे में मफलर से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि सुसाइड से पहले उन्होंने सात बार अपने हाथ की नस काटी थी. इससे उनके कमरे में खून बिखरा हुआ था.
कानपुर के बर्रा इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां सोलर पैनल बिजनेस में साझेदारी के नाम पर हुई कथित धोखाधड़ी से परेशान एक कारोबारी ने सुसाइड कर लिया. मृतक ने दो पन्नों के सुसाइड नोट में अपने बिजनेस पार्टनर को मौत का जिम्मेदार ठहराया है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी पार्टनर की तलाश में जुट गई है. व्यापारी ने सुसाइड नोट में न्याय के लिए सीएम योगी से भी गुहार लगाई है.
बर्रा विश्व बैंक डी ब्लॉक निवासी ओमेंद्र सिंह ने सोमवार यानी 22 दिसंबर की शाम को अपने घर की दूसरी मंजिल पर स्थित कमरे में मफलर से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि सुसाइड से पहले उन्होंने सात बार अपने हाथ की नस काटी थी. इससे उनके कमरे में खून बिखरा हुआ था.
पत्नी ने सबसे पहले देखा शव
घटना की जानकारी तब हुई जब उनकी पत्नी अंजना सिंह, जो एलएलआर अस्पताल में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत हैं, रात को ड्यूटी से लौटकर घर पहुंचीं .ऊपर जाकर कमरे का दरवाजा खोलते ही उन्होंने पति का शव पंखे से लटकता देखा. इस बीच उनके शोर मचाने से पड़ोसी और परिवार के अन्य सदस्य भी पहुंच गए. इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और जांच शुरू की.
पार्टनर की धोखाधड़ी से परेशान थे सोमेंद्र
ओमेंद्र सिंह के परिवार में उनकी मां रामवती, पत्नी अंजना और दो बेटे हैं. उनके छोटे भाई उदय सिंह ( जो नोएडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं) ने बताया कि ओमेंद्र पिछले छह वर्षों से दामोदर नगर निवासी दिव्येंद्र सचान के साथ सोलर पैनल रूफटॉप फिटिंग का बिजनेस चला रहे थे. शुरुआत में सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन पिछले एक साल से दिव्येंद्र ने ओमेंद्र के साथ धोखाधड़ी शुरू कर दी.
उदय के मुताबिक, दिव्येंद्र ने बिजनेस के पैसे हड़प लिए और हिसाब-किताब में गड़बड़ी की. जब ओमेंद्र को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने विरोध किया, लेकिन दिव्येंद्र ने धमकी दी और विवाद बढ़ गया. उदय ने खुद दिव्येंद्र से बहस की थी, जिसके बाद से ओमेंद्र गहरे तनाव में आ गए थे.वे अक्सर चुपचाप रहते और परिवार से कम बात करते. उदय ने कहा कि भाई को इतना तनाव था कि वे रातों को सो नहीं पाते थे.हमने कई बार समझाया, लेकिन धोखे का सदमा सहन नहीं कर सके.
सुसाइड नोट में भी पार्टनर दिव्येंद्र का नाम
पुलिस जांच में सामने आया कि घटनास्थल से दो पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें ओमेंद्र ने स्पष्ट रूप से दिव्येंद्र सचान को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया. नोट में लिखा है कि दिव्येंद्र की धोखाधड़ी ने उन्हें इस कदम के लिए मजबूर किया. दिलचस्प बात यह है कि सुसाइड नोट में ओमेंद्र ने खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रशंसक बताया और उनके शासन की सराहना की. इसके अलावा, पुलिस ने कमरे से खून से सना एक चाकू भी बरामद किया, जो ओमेंद्र द्वारा खुद पर किए गए वारों का सबूत है. डॉक्टरों के अनुसार, नस काटने से निकले खून के बावजूद मौत की मुख्य वजह फंदे से दम घुटना था.
दिव्येंद्र की तलाश कर रही है पुलिस
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत दिव्येंद्र सचान के घर पर दबिश दी, लेकिन वह फरार हो चुका था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी की तलाश में टीम गठित की गई है और जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा. मामले में आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि “सुसाइड नोट और परिवार के बयानों के आधार पर जांच चल रही है. बिजनेस के हिसाब-किताब की भी जांच की जाएगी जिससे धोखाधड़ी की पुष्टि हो सके.”
