कोरोना काल में सरकार को लगा दी थी 2 करोड़ से अधिक की चपत, अब आरोपियों से की जाएगी वसूली
कोरोना काल के दौरान शारदा नहर डिवीजन की तरफ से रामगंगा रिवर गौरिया, दुर्जना,मानीमऊ, अरवल समेत कई गांव में बाढ़ के पानी के कटान को रोकने के लिए बोरी बंदी का कार्य कराया गया था. इस काम में 2 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितता पाई गई है. अब इस मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों से वसूली करने का आदेश दे दिया गया है.
हरदोई जिले से एक बड़ा घोटाला सामने आ रहा है. यहां अधिकारियों पर कोरोना के दौरान यहां बाढ़ नियंत्रण में दूसरे मद का इस्तेमाल करते हुए बड़ा घोटाला करने का आरोप लगा था. अब इस मामले में तत्कालीन आला अधिकारियों पर अलग-अलग जगह पर काम दिखाकर वित्तीय अनिमितता करने का आरोप साबित भी हो गया है.
2 करोड़ 36 लाख का घोटाला
हरदोई जिले में 2020-21-22 में कोरोना काल के दौरान शारदा नहर डिवीजन की तरफ से रामगंगा रिवर गौरिया, दुर्जना,मानीमऊ, अरवल समेत कई गांव में बाढ़ के पानी के कटान को रोकने के लिए बोरी बंदी का कार्य कराया गया था. जांच के दौरान यह काम दोयम दर्जे और अनियमितताओं से भरा हुआ पाया गया है. ऐसे में इस काम में लगे तत्कालीन अधिकारियों के ऊपर दोष साबित हो गया है. अब इनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं.
ग्राम विकास आयुक्त ने दिया ये आदेश
कांग्रेस नेता आशीष सिंह ने बताया कि उन्होंने इसकी प्रशासन से शिकायत की थी. अब इसपर ग्राम विकास आयुक्त ने 2 करोड़ 36 लाख के कार्यों में वित्तीय अनियमिताओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों, संविदा कर्मियों के विरुद्ध विधिक एवं विभागीय कार्यवाही करते हुए उनसे रकम की वसूली करने का आदेश दिया है. जल्द ही वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी
तत्कालीन भ्रष्ट अधिकारियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
आशीष सिंह ने कहा कि इस घोटाले में कराए गए बोरीबंध के काम में अनियमितता पाए जाने के आरोप साबित हो गए हैं. ऐसे में अब ग्राम विकास आयुक्त के आदेश के बाद तब के जिला कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा प्रमोद चंद्रमौली, सीडीओ आकांक्षा राणा, जिला अधिकारी पुलकित खरे, अधिशासी अभियंता शारदा नहर, चतुर्थ खंड के सहायक अभियंता वसूली की कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है.