जौनपुर के बाहुबली उमाकांत को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, पूर्व सांसद की जमानत मंजूर; लेकिन थाने में देनी होगी हाजिरी

जौनपुर के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद उमाकांत यादव को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सात साल बाद जमानत मिल गई है. उमाकांत 1995 में पुलिस पर फायरिंग के मामले में उम्रकैद की सज़ा काट रहे थे. हालांकि हाईकोर्ट ने उन्हें अब शर्तों के साथ जमानत दी है. कहा है कि अब उन्हें हर महीने थाने में हाजिरी देनी होगी. 72 वर्षीय उमाकांत यादव के लिए यह बड़ी राहत भरी खबर है.

उमाकांत को मिली जमानत

सात साल से जेल में बंद जौनपुर के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद उमाकांत यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. साथ ही उन्हें शर्तों के साथ जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि उन्हें हर महीने अपने थाने में व्यक्तिगत तौर पर हाजिरी देनी होगी. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद 72 वर्षीय उमाकांत यादव के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. उमाकांत यादव करीब 30 साल पहले पुलिस पर फायरिंग के मामले में जेल में बंद थे.

जानकारी के मुताबिक 4 फरवरी 1995 को उमाकांत यादव ने शाहगंज जंक्शन पर जीआरपी चौकी पर हमला किया था. उस समय जीआरपी ने उमाकांत के ड्राइवर को अरेस्ट किया था और उसे लॉकअप में रखा था. उसे छुड़ाने के लिए उमाकांत अपने गिरोह के 7 साथियों के साथ स्टेशन पहुंचे और पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं. इस वारदात में जीआरपी के सिपाही अजय सिंह की गोली लगने से मौत हुई थी. वहीं अन्य सिपाही ललन सिंह, रेलवे कर्मचारी निर्मल वॉटसन और एक रेल यात्री भरतलाल गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

मालखाना लूटने का भी है आरोप

आरोप है कि जीआरपी चौकी पर हमले के दौरान बाहुबली उमाकांत यादव और उनके साथियों ने जीआरपी चौकी के मालखाने को भी लूटने की कोशिश की थी. उस समय जीआरपी ने इनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. बाद में मामले की जांच CBCID ने की और उनके साथ ही 7 अन्य बदमाशों को सह आरोपी बनाते हुए कोर्ट में मजबूत चार्जशीट पेश की थी. मामले की सुनवाई करते हुए जौनपुर के अपर सत्र न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट शरद कुमार त्रिपाठी की कोर्ट ने 27 साल बाद यानी अगस्त 2022 में उमाकांत यादव समेत सभी 7 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

केशरीनाथ त्रिपाठी को हराकर संसद पहुंचे थे उमाकांत

जौनपुर के जिला कारागार में सात साल से सजा काट रहे हैं उमाकांत यादव तीन बार विधायक रहे हैं. वह जौनपुर की खुटहन विधानसभा सीट (अब शाहगंज ) से चुनाव लड़ते रहे हैं. वहीं जेल में रहकर उन्होंने साल 2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार केशरी नाथ त्रिपाठी को शिकस्त दी थी. वह पहली बार BSP के टिकट पर सांसद चुने गए थे. बाहुबली उमाकांत यादव के खिलाफ अलग अलग थानों में दर्जन भर से अधिक मुकदमे हैं. आरोप है कि करीब इतने ही मामले ऐसे भी हैं, जिनमें पुलिस ने मुकदमा ही नहीं दर्ज किया था.