नागिन का बदला! इस बुजुर्ग का क्यों पीछा कर रहा जहरीला सांप? 45 साल में 14 बार डसा
उत्तर प्रदेश के झांसी में रहने वाले 70 वर्षीय सीताराम नामक एक बुजुर्ग को 14वीं बार सांप ने डस लिया है. पहली बार उन्हें 45 साल पहले सांप के काटने के बाद से, उन्हें हर 2-3 साल में सांप काटता रहा है. हर बार वे बच जाते हैं. इससे गांव में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कुछ लोग इसे नागिन का बदला मान रहे हैं, तो कुछ इसे पूर्व जन्म का पाप.
उत्तर प्रदेश के झांसी में एक हैरान करने वाला घटनाक्रम सामने आया है. यहां चिरगांव क्षेत्र के ग्राम पट्टी कुम्हर्रा में एक 70 साल के बुजुर्ग को एक बार फिर सांप ने डस लिया है. इस बुजुर्ग के साथ यह कोई पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले उन्हें सांप ने 13 बार डसा. बड़ी बात यह कि हर बार वह झाड़ फूंक और इलाज से जिंदा बच जाते हैं. इस बार भी ऐसा ही हुआ है. इस रहस्यमयी घटना से गांव ही नहीं, आसपास के लोग भी हैरान हैं. हर किसी के मन में यही सवाल है कि इस बुजुर्ग का सांप क्यों पीछा कर रहा है. कोई इसे नागिन का इंतकाम बता रहा है तो कोई कुछ और.
बुजुर्ग सीताराम कहते हैं कि उन्हें पहली बार सांप ने 45 साल पहले डसा था. उस समय वह 25 साल के नौजवान थे. उस समय उनका इलाज गांव में ही रहने वाले एक झोलाछाप वैद्य ने किया था. उसके बाद तो हर ढाई-तीन साल में यह सांप आता है और उन्हें डस लेता है. हर बार वह झाड़फूंक और इलाज कराते हैं और जिंदा बच जाते हैं. सीताराम कहते हैं कि वह कभी सांप नहीं मारते. उन्हें याद भी नहीं कि उन्होंने कभी बचपन में भी सांप मारा हो. लेकिन यह सांप क्यों उनका पीछा करता है और पूरे गांव में अकेले उन्हें ही डसता है, यह समझ में नहीं आ रहा.
तरह तरह की कहानियां बता रहे हैं लोग
दूसरी ओर, इस घटना को लेकर गांववालों के बीच तरह तरह की कहानियां गढ़ी जा रही हैं. कोई इसे नाग-नागिन का बदला बता रहा है तो कोई इसे पिछले जन्म का पाप मान रहा है. कुछ लोग इसे पूर्व जन्म की दुश्मनी भी बता रहे हैं. आलम यह है कि बुजुर्ग सीताराम को लोग “नागों का शिकार” तक कहकर पुकारने लगे हैं. सीताराम के मुताबिक हाल ही में वह खेड़ापति हनुमान मंदिर में दर्शन करने गए थे. दर्शन कर वह बाहर निकले ही थे कि झाड़ियों में से एक सांप निकला और फुंफकार भरते हुए सीताराम के पैर पर डस लिया.
सीताराम को नहीं रहा अब सांप का भय
वहां मौजूद लोगों ने सीताराम को उठाकर तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां दवा इलाज के बाद उनकी हालत स्थिर है. इस घटना को लेकर लोगों में डर का भी माहौल है. स्थिति यहां तक आ गई है कि सांप के डर से लोग सीताराम के आसपास बैठने से भी कतराने लगे हैं. उधर, डॉक्टर इसे महज इत्तफाक मान रहे हैं. उनका कहना है कि सीताराम के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बहुत ज्यादा है. इसकी वजह से सांप के काटने के बाद भी उन्हें ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. वहीं सीताराम का कहना है कि उन्हें इतनी बार सांप काट चुका है कि अब उन्हें सांप का भय ही खत्म हो गया है.