कानपुर पुलिस कमिश्नर पर क्यों नहीं की जाए आपराधिक कार्यवाही? इलाहाबाद हाईकोर्ट का सवाल
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर नगर के पुलिस कमिश्नर, घाटमपुर के SHO और एक पुलिस इंस्पेक्टर को अदालत के आदेश की अवहेलना के लिए तलब किया है. अधिकारियों को 20 अगस्त को कोर्ट में पेश होना है और हलफनामा दाखिल करना होगा. कोर्ट ने पूछा है कि इन पर आपराधिक कार्यवाही क्यों नहीं की जानी चाहिए?

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को आदेश की अवहेलना करने के लिए पुलिस कमिश्नर कानपुर नगर, SHO घाटमपुर और पुलिस इंस्पेक्टर को तलब किया है. इसके साथ ही हलफनामा दाखिल कर सफाई देने का निर्देश दिया है. पुलिस कमिश्नर कानपुर नगर अखिल कुमार, घाटमपुर SHO धनंजय पांडेय और पुलिस इंस्पेक्टर खुर्शीद अहमद को 20 अगस्त को कोर्ट में पेश होने के आदेश हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस नीरज तिवारी ने पुलिस उप निरीक्षक आशीष कुमार और अन्य की अवमानना याचिका पर यह आदेश जारी किया है. कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय ने एफआईआर रद्द कर दी थी तो विवेचना अधिकारी को कार्रवाई बंद करनी चाहिए थी, न कि अदालत में फाइनल रिपोर्ट दाखिल करनी थी. ऐसा करना प्रथमदृष्टया जानबूझकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना करना है.
क्यों नहीं की जाए आपराधिक कार्यवाही?
याचिका पर अधिवक्ता राजेश्वर प्रसाद सिन्हा ने बहस की. इनका कहना था कि याची के खिलाफ 21अक्टूबर 24 को घाटमपुर थाने में एफआईआर दर्ज की जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द कर दिया. आदेश की प्रति विवेचना अधिकारी को दी गई. केस कार्यवाही बंद करने के बजाय उसने फाइनल रिपोर्ट कोर्ट को भेज दी. जो कोर्ट के आदेश की अवमानना है.
कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को भी याचिका में पक्षकार बनाने का आदेश दिया. साथ ही अधिकारियों को हलफनामा दायर कर सफाई देने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्यों नहीं इन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की जाय़? वहीं, कोर्ट ने अगली तारीख यानी 20 अगस्त को पुलिस कमिश्नर समेत एसएचओ और आईपी को तलब किया है.



