कानपुर में बिना रेंट एग्रीमेंट रह रहा था शाहीन का करीबी डॉ. आरिफ? मकान मालिक नहीं दे पाया सबूत

दिल्ली ब्लास्ट केस के सिलसिले में कानपुर से मेडिकल स्टूडेंट डॉक्टर आरिफ अरेस्ट किया गया है. इसकी रिहाइश कश्मीर की बताई जा रही है. फिलहाल, आरिफ का मकान मालिक के साथ कोई रेंट एग्रीमेंट अभी सामने नहीं आया है. ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है आरिफ यहां बिना रेंट एग्रीमेंट के ही रह रहा था.

बिना रेंट एग्रीमेंट रह रहा था आरिफ

दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार की गई जैश की रिक्रूटर आतंकी डॉक्टर शाहीन सईद का एक और कानपुर कनेक्शन सामने आया है. यहां वह गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग में एमडी की पढ़ाई कर रहे डॉ. आरिफ नाम के मेडिकल स्टूडेंट के लगातार संपर्क में थी.

डॉ. आरिफ तकरीबन चार महीने पहले ही कार्डियोलॉजी में आया था.डॉ आरिफ शहर के अशोक नगर क्षेत्र में एक फ्लैट में रहता था. इस फ्लैट का रेंट एग्रीमेंट भी सामने नहीं आया है. अब यह माना जा रहा है कि डॉक्टर आरिफ बिना रेट एग्रीमेंट के रह रहा था.

आतंकी शाहीन सईद का ये था मंसूबा

बता दें कि गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद कोई साधारण चिकित्सक नहीं, बल्कि कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM) की पूर्व प्रोफेसर और जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की कथित प्रमुख है. जांच एजेंसियों के मुताबिक वह भारत में महिला आतंक ब्रिगेड गठित करने की फिराक में थी.

कानपुर में कार्यरत थी शाहीन सईद

डॉ. शाहीन के बारे में जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से वह 2006 में GSVM के फार्माकोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर काम कर रही थी. फिर UPPSC से चयनित होने के बाद वह 2013 तक प्रोफेसर रही. 2009 में छह महीनों के लिए उनका तबादला कन्नौज मेडिकल कॉलेज किया गया, लेकिन 2010 में वापस कानपुर लौट आई.

फिर अचानक 2013 में गायब हो गई शाहीन

कॉलेज रिकॉर्ड के अनुसार, 2013 में अचानक बिना सूचना के अनुपस्थित हो गई. प्रशासन ने कई नोटिस भेजे, सहकर्मियों ने संपर्क की कोशिश की, मगर कोई जवाब नहीं मिला.आखिरकार 2021 में शासन ने उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया. शाहीन इस बीच 2 साल के लिए यूएई भी गई थी.

शाहीन के करीबी डॉ आरिफ को पुलिस ने उठाया

डॉ शाहीन से संपर्क रखने वाले डॉ आरिफ मोहम्मद को एटीएस ने बुधवार यानी 12 नवंबर की रात को उठा लिया है. डॉ आरिफ कार्डियोलॉजी से एमडी की पढ़ाई कर रहा था. जानकारी के अनुसार उसने नीट के माध्यम से 2024 में दाखिला लिया था. सूत्रों के मुताबिक तो डॉ आरिफ लगातार डॉ शाहीन से संपर्क में था और एसएमएस से बात किया करता था.डॉ आरिफ मूल रूप से कश्मीर का रहने वाला है और यहां पर शहर में एक कमरा भी लेकर रह रहा था.

4 महीने पहले ही कानपुर आया आरिफ

जानकारी के अनुसार कुल 7 छात्र ऐसे है जो कश्मीर के रह वाले है और कार्डियोलॉजी से पढ़ाई कर रहे है. डॉ आरिफ ने बुधवार को भी एमरजेंसी में काम किया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एटीएस ने डॉ आरिफ को पकड़ा है और अपने साथ ले गई है. कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर राकेश वर्मा ने बताया कि डॉ आरिफ सिर्फ तीन-चार महीने पहले ही आया था. वो कार्डिएक मेडिसिन विभाग में पढ़ाई कर रहा था. उन्होंने एटीएस द्वारा डॉ आरिफ को ले जाने की पुष्टि की है.

रेंट एग्रीमेंट नहीं दिखा पाया मकान मालिक

अब यह बात सामने आई है कि डॉ आरिफ को कार्डियोलॉजी के एक डॉक्टर ने अपने फ्लैट में शेयरिंग पर रखवाया था. आरिफ का मकान मालिक के साथ कोई रेंट एग्रीमेंट अभी सामने नहीं आया है. मकान मालिक कन्हैया लाल से रेंट एग्रीमेंट मांगा गया तो उन्होंने बताया कि रेंट एग्रीमेंट मंगवाया है अभी आएगा. इसके बाद डॉ आरिफ के फ्लैट पर पहुंची पुलिस की टीम ने भी मकान मालिक से रेंट एग्रीमेंट मांगा लेकिन वो नहीं दिखा पाए. अब यह माना जा रहा है कि आरिफ को मकान मालिक ने बिना रेट एग्रीमेंट के रख लिया था. वहीं, मकान मालिक ने दावा किया है कि जल्दी ही रेंट एग्रीमेंट दिखाया जाएगा.