रात में सोए सुबह उठे ही नहीं… कानपुर में क्या इस वजह से हो गई 4 युवकों की मौत?

कानपुर में एक कमरे में सो रहे 4 युवकों का शव मिला है. पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. उसके बाद ही चारों की मौत की सटीक वजह पता चल पाएगी. फिलहाल, एक साथ इतनी मौत से इलाके में सनसनी फैल गई है.

कानपुर में 4 युवकों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ( प्रतीकात्मक तस्वीर) Image Credit:

कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र एक कमरे में 4 युवकों के शव मिलने से सनसनी फैल गई. इस दौरान कमरे में एक तसला जलता हुआ मिला. इस तसले में कोयला भी बरामद हुआ. ऐसे में माना जा रहा है कि ठंड से बचने के लिए जलाए गए कोयले से निकले कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के कारण सभी की दम घुटने से मौत हो गई. यह घटना पनकी के डी-58, साइट नंबर-2 इंडस्ट्रियल एरिया में घटी

मृतकों की पहचान अमित वर्मा (32 वर्ष), संजू सिंह (22 वर्ष), राहुल सिंह (23 वर्ष), दौड़ अंसारी (28 वर्ष) के तौर पर हुई. सभी मृतक मूल रूप से जनपद देवरिया के तौकलपुर गांव के रहने वाले थे. यहां एक निजी कंपनी में मजदूरी का काम करते थे. रात में ठंड से बचने के लिए वे लोग कंपनी परिसर में बने एक छोटे से कमरे में सोए थे. कमरा चारों तरफ से पूरी तरह बंद था और अंदर हवा की एंट्री का रास्ता नाम मात्र ही था.

कमरे के अंदर बेहोश पड़े थे चारों युवक

सुबह जब साथी मजदूरों ने दरवाजा खोला तो चारों बेहोश पड़े थे. तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया. यहां चिकित्सकों ने सभी को मृत घोषित कर दिया. मौके से एक लोहे के तसले में जलता हुआ कोयला बरामद हुआ. ऐसे में माना ये जा रहा है रात में ठंड से बचाव के लिए कोयला जलाया गया था, लेकिन बंद कमरे में ऑक्सीजन की कमी होने से जहरीली गैस बन गई और सभी की जान चली गई.

पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए शव

सूचना मिलते ही पनकी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे को सील कर दिया. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. क्षेत्र में शांति व्यवस्था पूरी तरह कायम है. पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का सटीक वजह पता चल पाएगी. फिलहाल तो यह कार्बन मोनोऑक्साइड पॉइजनिंग के चलते हुई मौत लग रही है.

हर साल कोयले और अंगीठी के चलते होती हैं मौतें

बता दें कि हर साल उत्तर भारत में सर्दियों के दौरान कोयला या अंगीठी जलाकर बंद कमरे में सोने से दर्जनों लोग इसी तरह अपनी जान गंवाते हैं. विशेषज्ञ बार-बार चेतावनी देते हैं कि कोयला जलाते समय कमरे में पर्याप्त हवा का आना-जाना जरूरी होता है, अन्यथा यह मौत का कारण बन जाता है.