कानपुर की यादों में पंकज धीर, महाभारत के ‘कर्ण’ की अनसुनी कहानी

मशहूर अभिनेता पंकज धीर, 'महाभारत' के कर्ण, का निधन हो गया. उनका कानपुर से गहरा नाता था; उन्होंने यहां बचपन बिताया, शिक्षा ली और चिड़ियाघर को दान दिया. यूपी के कानपुर शहर की स्मृतियों में पंकज धीर की यादें आज भी जीवंत हैं.

महाभारत के 'कर्ण' का कानपुर से था गहरा नाता

कैंसर जैसी असाध्य बीमारी से लंबे समय तक संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध अभिनेता पंकज धीर का बुधवार को निधन हो गया. महाभारत धारावाहिक में कर्ण की भूमिका से अमर हो चुके पंकज धीर का कानपुर शहर से गहरा नाता था. शहर की स्मृतियों में उनकी यादें आज भी जीवंत हैं. उनका निधन मनोरंजन जगत के लिए अपूरणीय क्षति है.

पंकज धीर मूल रूप से लुधियाना के रहने वाले थे. लेकिन उन्होंने अपने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष कानपुर में बिताए, जहां उन्होंने शिक्षा ग्रहण की और पारिवारिक रिश्ते कायम किए. पंकज धीर का कानपुर से रिश्ता बचपन से ही जुड़ा हुआ था. वे स्वरूप नगर स्थित अपने चाचा के घर तीन साल रहे और क्राइस्ट चर्च कॉलेज से कक्षा सातवीं से नौवीं तक की पढ़ाई पूरी की.

कानपुर में चिड़ियाघर जरूर जाते थे पंकज धीर

पंकज धीर इसके बाद लुधियाना लौट गए, लेकिन शहर की यादें उन्हें बार-बार खींच लाती थी. हर बार कानपुर आगमन पर वे स्थानीय चिड़ियाघर जरूर जाते थे. यह उनका पुराना शौक था. पंकज और उनके पुत्र निकेतन प्राणी उद्यान के जानवरों के भोजन और देखभाल के लिए उदारतापूर्वक दान देते थे. चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार, उनकी यह सहायता वर्षों से जारी थी, जो उनके प्रकृति प्रेम और दयालु स्वभाव को दर्शाती है.

उनके बेटे की शादी भी कानपुर में ही हुई थी

परिवारिक मोर्चे पर भी कानपुर उनका दूसरा घर था. बॉलीवुड फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में थंगबली की भूमिका निभाने वाले उनके बेटे निकेतन धीर की शादी भी इसी शहर में हुई थी. निकेतन का विवाह आजाद नगर निवासी अजय सेंगर की पुत्री और लोकप्रिय धारावाहिक ‘झांसी की रानी’ में मुख्य भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री कृतिका सेंगर से हुआ.

इस विवाह ने पंकज का शहर से रिश्ता और मजबूत कर दिया. सेंगर परिवार की एक सदस्य ने बताया कि पंकज बेहद सरल और विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे. वे कभी भी औपचारिकता नहीं बरतते थे. जब भी वे भाई अजय या उनके घर आते, तो रसोई में मदद करने लगते या स्वयं भोजन परोसने में जुट जाते. एकदम पारिवारिक सदस्य जैसे थे.

मूंछों से गहरा लगाव, अर्जुन का किरदार ठुकराया

पंकज धीर की अभिनय यात्रा भी रोचक किस्सों से भरी है. महाभारत धारावाहिक में उन्हें शुरू में अर्जुन की भूमिका ऑफर की गई थी, लेकिन इसके लिए मूंछें हटानी पड़तीं. मूंछों से गहरा लगाव रखने वाले पंकज ने इनकार कर दिया और कहा, “मुझे मूंछों वाला किरदार दीजिए.” नतीजतन, उन्हें कर्ण का रोल मिला, जो उनकी करियर की सबसे यादगार भूमिका बनी.

इस किरदार ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई. इसके अलावा, उन्होंने कई फिल्मों और धारावाहिकों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं. कानपुर वासियों के लिए पंकज न केवल एक अभिनेता थे, बल्कि शहर के गौरव का प्रतीक. उनके निधन से स्थानीय लोग शोकाकुल हैं. चिड़ियाघर कर्मियों ने उनकी स्मृति में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की.

कानपुर में उनकी यादें हमेशा बसी रहेंगी- परिवार

परिवार के अनुसार, अंतिम संस्कार लुधियाना में किया जाएगा, लेकिन कानपुर में उनकी यादें हमेशा बसी रहेंगी. पंकज धीर का जीवन सादगी, संघर्ष और समर्पण की मिसाल था. उनका जाना भारतीय मनोरंजन जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. उनके निधन से बॉलीवुड और टेलीविजन जगत में शोक की लहर दौड़ गई है.