निजी स्कूलों पर होगा एक्शन, RTE के तहत अब लेना ही होगा एडमिशन
कानपुर में निजी स्कूल शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) का उल्लंघन कर रहे हैं. यहां के कई स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को एडमिशन नहीं मिल रहा है. प्रशासन ने कई बार नोटिस जारी किए, पर स्कूलों ने अनदेखा किया. वहीं, अब डीएम ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.

कानपुर में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी जारी है. प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद प्राइवेट स्कूल ‘राइट टू एजुकेशन’ (RTE) के तहत एडमिशन नहीं ले रहे है. इस संबंध में कई बार स्कूलों को नोटिस भी जारी किया गया. बावजूद इसके कई स्कूलों में एडमिशन नहीं लिए जाते हैं. अब ऐसे निजी स्कूलों पर सख्त कदम उठाने के आदेश हैं. प्रशासन ने ऐसे स्कूलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.
शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित समूहों के बच्चों के आरक्षण का प्रावधान है. निजी स्कूलों को प्राइमरी कक्षा में 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश दिया जाना अनिवार्य है. लेकिन बावजूद हर सत्र में स्कूलों द्वारा पूर्ण रूप से एडमिशन नहीं लिए जाते है. इस वजह से अभिभावकों को स्कूलों के चक्कर लगाने पड़ते है. कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
निजी स्कूलों की मनमानी क्यों नहीं हो रही खत्म?
इस समस्या को देखते हुए प्रशासन ने स्कूल प्रशासन को नोटिस भी जारी किए थे और उनसे जवाब भी तलब किया था. लेकिन कई स्कूलों ने अधिनियम और प्रशासन के आदेशों का पालन नहीं किया है. हाल में इसको लेकर स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक भी की गई. इतना होने पर भी स्कूलों की मनमानी खत्म नहीं हुई. इस बीच बुधवार को कई अभिभावक डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के ऑफिस पहुंचे.
अभिभावकों ने डीएम से इसकी शिकायत की. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो जाएगा तब तक वो यहां से नहीं जाएंगे. अभिभावकों की समस्या सुनने के बाद डीएम ने एडीएम न्यायिक को आदेश दिया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम का कड़ाई से पालन करवाया जाए. साथ ही कहा है कि जो स्कूल इसका पालन नहीं करते है उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाए.
निजी स्कूलों को इनका पालन करना ही होगा- DM
इस मामले में कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि, ‘शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रावधान अनिवार्य है. निजी स्कूल प्रबंधन को इनका पालन करना ही होगा. जो स्कूल इसका पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ अधिनियम के प्रावधानों के तहत कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी.’ RTE के तहत, प्रवेश आमतौर पर कक्षा 1 या प्री-प्राइमरी कक्षाओं में दिया जाता है.