लव जिहाद के लिए छांगुर बाबा ने लिखी थी ‘शिजर-ए-तैय्यबा’ किताब, ऐसे करता था लड़कियों का ब्रेनवास
लखनऊ के एक होटल को ठिकाना बनाकर धर्मांतरण रैकेट चलाने वाले छांगुर बाबा की एक के बाद एक सारी साजिशों का खुलासा होता जा रहा है. अब पता चला है कि ये बाबा 'शिजर-ए-तैय्यबा' किताब के जरिए लव जिहाद को बढ़ावा देता था. आरोप है कि इसके जरिए लड़कियों का ब्रेनवॉश किया जाता था. ATS की तफ्तीश में भी ये बात सामने आई है. आखिर इस किताब में ऐसा क्या है खास. आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं.

शिजर-ए-तैय्यबा सुनने में एक किताब का नाम है, लेकिन इसके पन्नों में छिपा है एक खौफनाक मकसद. जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने इसे धर्म प्रचार के नाम पर छपवाया था, लेकिन इसका असली उद्देश्य था लव जिहाद और धर्मांतरण. इस किताब के जरिए हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश किया जाता था और फिर ये लड़कियां छांगुर बाबा के जाल में इस कदर फंसती थी कि कभी बाहर नही निकल पाती.
राजधानी में बैठकर रचता था साजिश
लखनऊ के विकास नगर के स्टार रूम्स होटल के कमरा नंबर 104 में बैठकर ये बाबा अपनी साजिश को अंजाम देता था. जब उसकी काली करतूतें सामने आ रही हैं, तो लोग बस एक ही बात कह रहे हैं- अरे! ये कैसे हो गया. जिहाद के खेल में वो अकेला नही था, बल्कि उसके साथ थी उसकी सबसे करीबी साथी नसरीन. अब ATS ने इन दोनों की काली- करतूतों का पर्दाफास किया है.
होटल कर्मचारियों ने बताई पूरी कहानी
अब से करीब 70 दिन पहले 16 अप्रैल को छांगुर बाबा और नसरीन स्टार रूम्स होटल में दाखिल हुए थे. उन्होंने पहले 4 दिनों के लिए होटल का कमरा नंबर 102 बुक किया. ATS की जांच में सामने आया है कि यह चार दिन का ठहराव कोई संयोग नहीं था। दोनों ने होटल और आसपास के माहौल को भांपने के लिए यह समय लिया. जब उन्हें यकीन हो गया कि ये जगह उनके गैंग के लिए पूरी तरह से सेफ है, तो वे पांचवें दिन कमरा नंबर 104 में शिफ्ट हो गए.
फिर अगले करीब 70 दिनों तक यही कमरा उनका ठिकाना बना रहा. यहां वे पति-पत्नी की तरह रहते थे. होटल कर्मचारियों के मुताबिक छांगुर बाबा कमरे से बहुत कम बाहर निकलता था. नसरीन दिन में एक-दो बार बाहर जाती थी, कभी खाना लाने, कभी छोटे-मोटे काम के लिए. ज्यादातर खाना होटल में ही मंगवाया जाता था. कोई रिश्तेदार या दोस्त उनसे मिलने नहीं आता था, हांलाकि एक वकील समय-समय पर दोनों से मुलाकात करने आता था. इसे लेकर होटल के कर्मचारियों को कोई शक नहीं हुआ, लेकिन जब ATS की नजर पड़ी तो सारी परतें खुल गईं.
शिजर-ए-तैय्यबा: ब्रेनवॉश का हथियार
शिजर-ए-तैय्यबा किताब छांगुर बाबा का सबसे खतरनाक हथियार था. इस किताब को उसने इसे खुद छपवाया था. इस किताब के जरिए वह मुस्लिम लड़कों को हिंदू लड़कियों से शादी करने के लिए प्रेरित करता था. ATS की जांच में पता चला है कि इस किताब के जरिए वो हिंदू लड़कियों का ब्रेनवॉश करके उनका धर्मांतरण कराता था. इसके लिए उसने बाकायदा रेट भी फिक्स कर रखे थे.
ब्राह्मण, क्षत्रिय या सिख लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये, पिछड़ी जाति के लिए 10-12 लाख, और अन्य जातियों के लिए 8-10 लाख रुपये. अगर कोई लड़की उसका विरोध करती तो उसे फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती थी.



