बड़ी बेटी को पीटा, छेड़छाड़ की, फिर कमरे में घसीटा… मां-बेटियों ने सुनाई इंजीनियर के मर्डर की कहानी
लखनऊ के इंजीनियर मर्डर केस में लिवइन पार्टनर और उसकी दोनों बेटियों ने अपना जुर्म कबूल लिया. आरोपियों ने बताया इंजीनियर रोजाना उनसे मारपीट करता था. इसके अलावा बड़ी बेटी पर गलत नीयत रखता था. इसलिए तंग आकर सूर्यप्रताप को मार डाला.
लखनऊ के जानकीपुरम सेक्टर-G में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे इंजीनियर सूर्य प्रताप सिंह की हत्या हो गई थी. अब इस मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. मृतक की लिव-इन पार्टनर रत्ना और उसकी दोनों नाबालिग बेटियों से अलग-अलग तकरीबन 20 घंटे की पूछताछ की. अब तीनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक तीनों ने एक ही तरह का बयान दिया है. इसके चलते पुलिस इसे सच मानकर चल रही है. आरोपी रत्ना ने बताया कि इंजीनियर सूर्य प्रताप सिंह की तरफ से लगातार मारपीट और बड़ी बेटी के साथ छेड़छाड़ से वह तंग आ चुकी थी. इसके चलते उसने ऐसा कदम उठा लिया.
आए दिन रत्ना और उसकी बेटियों से होती थी मारपीट
पुलिस पूछताछ में रत्ना और उसकी दोनों बेटियों ने खुलासा किया कि सूर्य प्रताप सिंह दोनों लड़कियों के साथ आए दिन मारपीट करता था. घर में उन्हें कैद रखता था और बाहर जाने नहीं देता था. सबसे गंभीर आरोप यह कि वह बड़ी बेटी को गलत नीयत से देखता था. बार-बार उसे “बैड टच” करता था. विरोध करने पर बेरहमी से पीटता था.
7 दिसंबर को रत्ना की बड़ी बेटी को जमकर पीटा
आरोपियों ने बताया कि जब 7 दिसंबर को सूर्यप्रताप घर लौटा तो उसने बड़ी बेटी का मोबाइल चेक किया. उसके फोन में एक लड़के की तस्वीर देखकर आगबबूला हो गया. उसने बड़ी बेटी को उसका “बॉयफ्रेंड” बताते हुए रात करीब 11 बजे बेरहमी से पीटा. इसके बाद बाल पकड़कर घसीटते हुए कमरे में ले गया वहां उसके साथ छेड़छाड़ की. किसी तरह मां रत्ना और छोटी बेटी नेउसे उसके चंगुल से छुड़ाया. इस घटना से तीनों आहत और गुस्से में थे. तीनों रातभर जगे रहे. इस दौरान उन्होंने सूर्यप्रताप को रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया.
रत्ना ने ही पुलिस को मर्डर की दी जानकारी
प्लान के मुताबिक 8 दिसंबर की सुबह करीब 5 बजे जब सूर्य प्रताप सो रहा था. तीनों उसके कमरे में घुसीं. दोनों बेटियों ने इंजीनियर के हाथ-पैर मजबूती से पकड़ लिए, जबकि रत्ना ने चाकू से उसका गला रेत दिया. छटपटाते हुए सूर्य प्रताप को तीनों ने दबोचकर रखा और कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो गई. हत्या के बाद तीनों ने शव को वहीं छोड़ दिया और घर का दरवाजा बंद करके करीब 4 घंटे तक बाहर बैठी रहीं. खुद रत्ना ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर लिवइन पार्टनर की हत्या की जानकारी दी.
दोनों बेटियों को बाल सुधार गृह भेजा गया
8 दिसंबर को सामने आने के बाद पुलिस ने तुरंत रत्ना को गिरफ्तार कर लिया. दोनों नाबालिग बेटियों को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सामने पेश किया गया. 9 दिसंबर को रत्ना को जेल भेजा गया जबकि दोनों बेटियों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया. पुलिस का कहना है कि तीनों आरोपियों के बयान एक-दूसरे से पूरी तरह मिलते हैं, इसलिए हत्या की वजह घरेलू हिंसा, मारपीट और यौन शोषण को ही माना जा रहा है.
