फिलीपींस के नागरिक का ‘अड्डा’ था लखनऊ के इस इस्लामिक संस्थान का हॉस्टल, खुलासे पर हड़कंप; FIR दर्ज
फिलीपींस के नागरिक का टूरिस्ट वीज़ा पर आकर लखनऊ के नदवा कॉलेज में अवैध रूप से ठहरने का मामला गहरा गया है. आरोप है कि संस्थान प्रबंधन ने इसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं दी, जिसके बाद प्रिंसिपल सहित कई पर FIR दर्ज की गई है. यह नागरिक तबलीगी जमात से जुड़ा होने और वीज़ा नियमों का उल्लंघन करने का भी आरोपी है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रतिष्ठित इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूल उलूम नदवतुल उलमा (नदवा कॉलेज) इस समय सुर्खियों में है. इस संस्थान की चर्चा टूरिस्ट वीजा पर भारत आए फिलीपिंस के नागरिकों को अवैध रूप से शरण देने की वजह है. आरोप है कि इस संस्थान के हॉस्टल में फिलीपिंस निवासी मोहम्मद आरून सारिप आकर ठहरा था. बावजूद इसके संस्थान प्रबंधन ने विदेश विभाग या पुलिस को सूचना तक नहीं दी. मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने संस्थान के प्रिंसिपल समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है.
विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) से मिले इनपुट के बाद संस्थान पहुंची लखनऊ पुलिस ने मामले की जांच की. इसमें पता चला कि ये विदेशी नागरिक मोहम्मद आरून सारिप 30 नवंबर से 2 दिसंबर 2025 तक तीन दिन कॉलेज के महादुल अली छात्रावास में रुका था. उसे इस संस्थान में पढ़ने वाले छात्र मोहम्मद यासीर ने शरण दी थी. इन तीन दिनों में इस विदेशी नागरिक ने लखनऊ के विभिन्न स्थानों का दौरा भी किया. बावजूद इसके, ना तो संस्थान प्रबंधन ने इस छात्र को चेक किया और ना ही छात्र ने इसका वैरिफिकेशन कराया.
गेट पर भी नहीं कराई एंट्री
यहां तक कि इस विदेशी नागरिक ने भी हॉस्टल में ठहरने की जानकारी ना तो हसनगंज थाने में दी और न ही विदेशियों के पंजीकरण के लिए अनिवार्य ‘फॉर्म-सी’ भरा. यही नहीं, बीसों बार हॉस्टल में आने या जाने की जानकारी भी कॉलेज के मुख्य गेट पर रखे रजिस्टर में नहीं दर्ज की गई. इंस्पेक्टर हसनगंज चितवन कुमार ने बताया कि नदवा में बड़ी संख्या में विदेशी छात्र पढ़ते हैं, ऐसे में किसी भी विदेशी के आगमन, ठहराव और गतिविधियों की सूचना संबंधित विभागों को देना बंधनकारी है. पुलिस का मानना है कि यह महज लापरवाही नहीं, बल्कि जानबूझकर किया गया कार्य लगता है.
तबलीगी जमात से जुड़ाव और दिल्ली से भागने की आशंका
पुलिस सूत्रों के अनुसार मोहम्मद आरून सारिप टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था. आरोप है यहां वह धार्मिक प्रचार करने वाले समूह तबलीगी जमात में शामिल हुआ और विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दिया. यह टूरिस्ट वीजा के नियमों का उल्लंघन है. वहीं, जब लखनऊ पुलिस ने उसकी जांच शुरू की तो पता चला कि वह दिल्ली से भी फरार हो गया है. सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं. पुलिस उसके संपर्कों की छानबीन कर रही है. इसके लिए उसकी कॉल डिटेल से लेकर अन्य एंगल से पड़ताल किया जा रहा है.
कॉलेज प्रबंधन पर एक्शन
सात दिन की गहन जांच के बाद पुलिस ने नदवा कॉलेज के प्रधानाचार्य मौलाना अब्दुल अजीज नदवी, सब रजिस्ट्रार डॉ. हारून रसीद, महादुल अली छात्रावास के वार्डन मोहम्मद कैसर नदवी, मुख्य गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4)/61, विदेशी पंजीकरण अधिनियम 1939 की धारा 5 और विदेशियों अधिनियम 1946 की धारा 7(1) के तहत केस दर्ज हुआ है. एसीपी महानगर अंकित सिंह के मुताबिक यह कार्रवाई दारोगा सुरेंद्र सिंह की तहरीर पर की गई है.
