नेहा राठौर हाईकोर्ट का तगड़ा झटका, अग्रिम जमानत याचिका खारिज; PM मोदी पर की थी अपमानजनक टिप्पणी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. PM मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी मामले में कोर्ट ने आरोपों को गंभीर माना. पहलगाम हमले के बाद किए गए विवादित पोस्ट के कारण उन पर इसी साल अप्रैल महीने में FIR दर्ज हुई थी. कोर्ट के इस फैसले से नेहा राठौर की गिरफ्तारी का खतरा बढ़ गया है.
भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी भी खारिज कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले को गंभीर बताते हुए पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं. नेहा सिंह राठौर के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की एकल पीठ में हुई.
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना. इसके बाद साफ तौर पर कहा कि नेहा के खिलाफ लगे आरोप साधारण नहीं हैं, बल्कि पहली नजर में संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं. इस तरह के मामलों में पुलिस को पूरी जांच करने का हक है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि नेहा सिंह राठौर का यह विवादित पोस्ट पहलगाम में आतंकी हमले के ठीक बाद किया गया था. जबकि उस समय यह मामला काफी संवेदनशील था. इस संबंध में इसी साल अप्रैल महीने में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली पुलिस ने नेहा के खिलाफ FIR दर्ज किया था.
देश को युद्ध में धकेलने का लगाया था आरोप
पहलगाम अटैक के बाद लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर यह विवादित पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने लिखा था कि “पहलगाम हमले के बाद मोदी जी बिहार आए ताकि पाकिस्तान को धमकाएं और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट बटोर सकें.” इसी के साथ उन्होंने आरोप लगाया था कि “आतंकियों को ढूंढने और अपनी गलती मानने के बजाय बीजेपी देश को युद्ध की तरफ धकेल रही है.” प्रधानमंत्री पर सीधे आरोप लगाने वाले इस पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा भी मचा था.
पहले ही खारिज हो चुकी FIR रद्द करने की अर्जी
इस मामले में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज होने के बाद नेहा सिंह राठौर हाईकोर्ट पहुंच गई थीं. उन्होंने मांग किया था कि इस एफआईआर को ही खारिज कर दिया जाए.हालांकि इन पोस्ट्स को प्रधानमंत्री का अपमान और देश में नफरत फैलाने वाला माना गया. ऐसे में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 19 सितंबर को यह अर्जी खारिज कर दी. साथ ही कोर्ट ने उन्हें मामले की जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई. इसमें शासकीय अधिवक्ता डॉ. वीके सिंह ने कोर्ट में पक्ष रखा. बताया कि नेहा बार-बार समन के बावजूद जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं.
गहराया गिरफ्तारी का खतरा
दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि नेहा सिंह राठौर को जांच में सहयोग करना ही होगा. इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि पुलिस को मामले की पूरी जांच करने का हक है. इसलिए नेहा सिंह राठौर को अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती. कोर्ट के इस फैसले के बाद नेहा सिंह राठौर की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि उनके वकील ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं. यह मामला एक बार फिर अभिव्यक्ति की आजादी बनाम राष्ट्रीय सुरक्षा और सम्मान के बीच चल रही बहस को गरमा दिया है.
