लखनऊ के नवाबी जायके को वैश्विक पहचान, UNESCO की रचनात्मक शहरों की लिस्ट में शामिल
नवाबों के शहर लखनऊ को यूनेस्को ने 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' घोषित किया है. तुंदे कबाबी से कुलचा-निहारी तक, लखनऊ के व्यंजन अब विश्व मानचित्र पर छाएंगे. इससे स्थानीय जायकों की महक वैश्विक मंच तक पहुंचेगी. यह घोषणा ‘विश्व नगर दिवस’ के अवसर पर की गई है.
राजधानी लखनऊ को यूनेस्को ने ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ घोषित किया है. यह सम्मान उस शहर को मिलता है जो अपनी खानपान परंपरा, सांस्कृतिक विविधता और नवाचार से विश्व को प्रेरित करता है. लखनऊ दशकों से अपने लजीज जायके और मेहमानवाजी से मेहमानों के दिलों पर छाप छोड़ते आया है. उत्तर प्रदेश आज देश का गौरव बन चुका है.
यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले 31 अक्टूबर को लखनऊ सहित 58 नए शहरों को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क’ (UCCN) में शामिल करने की घोषणा की. पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने वैश्विक पहचान की नई ऊंचाई छू ली है.
लखनऊ लजीज खाने के लिए एक जन्नत
भारत में संयुक्त राष्ट्र की इकाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘मुंह में पानी लाने वाले गलावटी कबाब से लेकर अवधी बिरयानी, स्वादिष्ट चाट और गोलगप्पे, मक्खन मलाई जैसी मिठाइयां तथा और भी बहुत कुछ… उत्तर प्रदेश का लखनऊ लजीज खाने के लिए एक जन्नत है, जो सदियों पुरानी परंपराओं से भरपूर है.’
प्रतिनिधिमंडल ने कहा, ‘विश्व नगर दिवस 2025 के अवसर पर लखनऊ को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ नामित किया गया है. यूसीसीएन में अब 100 से अधिक देशों के 408 शहर शामिल हैं. यह घोषणा उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित यूनेस्को के 43वें महासम्मेलन में ‘विश्व नगर दिवस’ के अवसर पर की गई.
हर स्वाद सदियों पुरानी संस्कृति को दर्शाता है
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने लखनऊ के लिए नामांकन 31 जनवरी 2025 को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेजा था. विस्तृत समीक्षा के बाद भारत सरकार ने 3 मार्च 2025 को यूनेस्को को अंतिम डॉसियर प्रस्तुत किया. 31 अक्टूबर को इसे औपचारिक रूप से UNCC में शामिल किया गया.
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘यह सम्मान शहर की समृद्ध पाक परंपराओं, अवधी विरासत और स्थायी एवं अभिनव पाककला को बढ़ावा देने में इसकी बढ़ती भूमिका का प्रतीक है. उत्तर प्रदेश के लिए यह गौरव का क्षण है, जहां हर स्वाद सदियों पुरानी संस्कृति और रचनात्मकता को दर्शाता है.’
लखनऊ के स्वाद अब विश्व मंच पर
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने एक बयान में कहा कि लखनऊ का चयन इसकी व्यंजन परंपरा और पाक कला धरोहर तथा आतिथ्य परंपराओं को एक नयी अंतरराष्ट्रीय पहचान देगा. उन्होंने बताया, ‘वर्ष 2024 में लखनऊ में 82.74 लाख पर्यटक आए, जबकि 2025 के पहले छह महीनों में ही 70.20 लाख पर्यटक पहुंच चुके हैं.’
उन्होंने कहा कि यह रुझान बताता है कि खानपान और संस्कृति, उत्तर प्रदेश में पर्यटन वृद्धि के प्रमुख आधार बन चुके हैं. यह उपलब्धि लखनऊ के अवधी व्यंजनों, नवाबी परंपरा और खानपान की विविधता का जीवंत प्रमाण है. अब तुंदे कबाबी से लेकर कुलचा-निहारी तक, लखनऊ के स्वाद विश्व मानचित्र पर प्रदेश की पहचान को और ऊंचा उठाएंगे
