जाति विशेष की राजनीति से दूर रहें… UP BJP चीफ पंकज चौधरी की विधायकों को हिदायत
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने जनप्रतिनिधियों को जाति या वर्ग विशेष की राजनीति से दूर रहने की सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने हालिया 'विशेष भोज' जैसी गतिविधियों को पार्टी सिद्धांतों के विपरीत बताया.
उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष पंकज चौधरी ने पार्टी के जनप्रतिनिधियों को सख्त हिदायत दी है. उन्होंने पार्टी के विधायकों को किसी भी प्रकार की नकारात्मक या जाति-आधारित राजनीति से दूर रहने की चेतावनी दी है. हाल में विधानसभा सत्र के दौरान कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा कथित तौर पर ‘विशेष भोज’ और उसमें अपने समाज को लेकर चर्चा आयोजित की गई थी.
प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि बीजेपी सिद्धांतों पर आधारित राजनीतिक दल है, उसके कार्यकर्ता परिवारवाद या किसी विशेष वर्ग को लेकर राजनीति नहीं करते. हमने संबंधित जनप्रतिनिधियों से सतर्कता के साथ बातचीत की है. उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी गतिविधियां पार्टी की संवैधानिक परंपराओं के अनुकूल नहीं हैं. भविष्य में सतर्कता बरतने को कहा गया है.
बीजेपी ने सर्वव्यापी राजनीति स्थापित की
चौधरी ने चेतावनी दी कि ऐसी गतिविधियों से समाज में गलत संदेश जाता है. यदि भविष्य में किसी जनप्रतिनिधि द्वारा इसे दोहराया गया, तो पार्टी संविधान के अनुसार इसे अनुशासनहीनता मानकर कार्रवाई करेगी. बीजेपी की सर्वव्यापी राजनीति पर जोर देते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी विविधतापूर्ण लोकतंत्र में अपनी पहचान बनाए हुए है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकासवादी राजनीति और राष्ट्रवाद के सामने विपक्ष की जाति-आधारित राजनीति का अंत हो रहा है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने सामाजिक न्याय, सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी राजनीति स्थापित की है, जिसने जातिवादी दलों को पराजित किया है. इस दौरान चौधरी ने विपक्षी दलों सपा, बसपा और कांग्रेस पर निशाना भी साधा.
विपक्षी दलों का भविष्य अंधकारमय है- पंकज चौधरी
यूपी बीजेपी चीफ पंकज चौधरी ने कहा कि बदलते राजनीतिक परिदृश्य में जाति की राजनीति करने वाले सपा, बसपा और कांग्रेस दलों का भविष्य अंधकारमय है. वे बीजेपी के खिलाफ अंधेरे में तीर चला रहे हैं. बीजेपी के जनप्रतिनिधि पार्टी की मर्यादा और अनुशासन में कार्य करते हैं और नकारात्मक नैरेटिव से बचना चाहिए.
बीजेपी नेतृत्व का यह कदम पार्टी में अनुशासन बनाए रखने और विकास तथा राष्ट्रवाद की राजनीति को मजबूत करने की दिशा में देखा जा रहा है. बीजेपी सूत्रों के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष के इस सख्त रुख से पार्टी कार्यकर्ताओं में संदेश गया है कि 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी प्रकार की गुटबाजी या जातिवादी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
