लखनऊ रोजगार महाकुंभ में अव्यवस्था का आलम, युवाओं ने CM के खिलाफ की नारेबाजी
यूपी की राजधानी लखनऊ में 26 से 28 अगस्त तक चलने वाले 3 दिवसीय रोजगार महाकुंभ में कुप्रबंधन दिखाई दे रहा है. इसके चलते युवाओं में काफी निराशा है. इसी को लेकर कई युवा सीएम योगी के खिलाफ नारेबाजी करते भी नजर आए.

लखनऊ में 26 से 28 अगस्त तक चलने वाले रोजगार महाकुंभ में अव्यवस्था का आलम दिखाई दे रहा है. सीएम योगी ने इसका उद्घाटन किया, इसके बाद यहां युवाओं के लिए 50 हजार से अधिक नौकरियों के साथ 15 हजार इंटरनेशनल अवसरों को उपलब्ध कराने की बात की जा रही है. इन देशो में UAE, सऊदी अरब, जापान और जर्मनी जैसे कई देशों में नौकरियों देने का प्लान है. लेकिन इस आयोजन में कुप्रबंधन के चलते युवाओं का खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
नजर आई भारी भीड़
3 दिनों तक चलने वाले इस रोजगार महाकुंभ का आयोजन लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में किया गया है. जिसके चलते हजारों युवा नौकरी की उम्मीद में यहां पहुंच रहे हैं. इस दौरान उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. मौजूदा हालात में भीड़ इतनी बेकाबू हो गई कि सभागार के शीशे और दरवाजे तक तोड़ दिए गए.
घंटों लाइन में फंसे रहे युवा
युवाओं का कहना है कि ऐसा प्रशासन की लचर व्यवस्थाओं के चलते हो रहा है. जिससे उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है. मंगलवार को पहले ही दिन सुबह 7 बजे से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के बाहर युवाओं का जमावड़ा शुरू हो गया. दरअसल सीएम योगी को इसका उद्धाटन करना था. सीएम के एक अन्य कार्यक्रम की वजह से दोपहर 12 बजे के आसपास इसका उद्धाटन हो पाया.
इसके बाद युवाओं को अंदर दाखिल होने दिया गया. रोजगार स्टॉल तक पहुंचने के लिए उन्हें 4 से 5 घंटे तक लंबी लाइनों में इंतजार करना पड़ा. भीड़ का दबाव इतना ज्यादा था कि सारी व्यवस्थाएं चरमराती हुई दिखाई दीं.
युवाओं ने ये बताया
कुप्रबंधन को लेकर युवाओं को काफी निराश होना पड़ रहा है. अलग- अलग जिलों से आए युवाओं का कहना है कि उन्हें नियुक्ति पत्र देने की बात की गई थी लेकिन यहां केवल उनके रेज्यूम और कांटेक्ट नंबर नोट किए जा रहे हैं और नियुक्ति पत्र या ऑफर लेटर की जानकारी बाद में देने की बात कही जा रही है. रोजगार महाकुंभ में कई कंपनियों के स्टॉल लगाए गए हैं.
इसे लेकर एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लोगों की तादाद भीड़ अनुमान से कहीं अधिक है. जिसके कारण मैनेजमेंट करना काफी मुश्किल भरा हो गया है.