‘महिलाओं को कहा जाता है बेबी…’ रामभद्राचार्य ने फिर की विवादित टिप्पणी, उठा सियासी तूफान
तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. महिलाओं और इस्लाम पर दिए उनके इस बयान पर सियासी तूफान खड़ा हो गया है. उन्होंने इस्लाम धर्म में महिलाओं की दुर्गति का आरोप लगाया. इसी क्रम में उन्होंने इस्लाम पर भी निशाना साधा और तलाक प्रथा पर आपत्ति जताई. उनके इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी समेत कई नेताओं ने उनकी कड़ी निंदा की है.

अपने विवादित बयानों को लेकर तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. उन्होंने एक बार महिलाओं को लेकर विवादित बयान दिया है. मेरठ में आयोजित श्रीराम कथा के दौरान कहा कि हिंदू धर्म महिलाओं को देवी कहा जाता है, लेकिन अन्य धर्मों में उन्हें बेबी या बीवी कहा जाता है. रामभद्राचार्य यहीं नहीं रूके, उन्होंने इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी की. कहा कि इस्लाम में महिलाओं की दुर्गति होती है. वहां एक महिला से 25-25 बच्चे पैदा करने के बाद तीन बार तलाक तलाक बोलकर छोड़ने की प्रथा है.
रामभद्राचार्य के इस बयान पर एक बार फिर सियासी तूफान खड़ा हो गया है. खासतौर पर समाजवादी पार्टी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बता दें कि मेरठ में इस समय रामभद्राचार्य की कथा का आयोजन किया गया है. मेरठ के विक्टोरिया पार्क में 8 सितंबर से आयोजित इस कथा के बीच जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने महिलाओं और शिक्षा व्यवस्था पर बोलने लगे. इस दौरान उन्होंने कई विवादित टिप्पणियां कीं. कहा कि हिंदू धर्म ही एक ऐसा धर्म है, जहां महिलाओं को देवी का दर्जा मिला है. बाकी धर्मों में उन्हें बेबी या बीवी कहा और समझा जाता है.
25 बच्चे पैदा कर तलाक देने का लगाया आरोप
उन्होंने कहा कि इस्लाम में महिलाओं की बहुत दुर्गति होती है. वहां एक-एक महिला से 25-25 बच्चे पैदा कराए जाते हैं और फिर तीन बार तलाक तलाक बोलकर उन्हें छोड़ दिया जाता है. जबकि हिंदू परंपरा में कभी ऐसा नहीं रहा है. यहां यहां मां का दर्जा पिता से भी बड़ा और ऊंचा होता है. उन्होंने बच्चों की शिक्षा को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भक्तों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने बच्चों को कांवेंट स्कूलों में ना भेजें. बल्कि सांस्कृतिक आदर्शों से जोड़ने के लिए बच्चों की शिक्षा सरस्वती विद्यालयों में कराएं.
महिलाओं को मिले ज्यादा अधिकार
रामभद्राचार्य ने कहा कि संतान तीन हों, इनमें बेटा हों या बेटी, सभी को संस्कारी बनाना सबसे जरूरी है. इसी क्रम में उन्होंने संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण को लेकर कहा कि महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा अधिकार मिलने चाहिए. यह पहला मौका नहीं है, जब स्वामी रामभद्राचार्य का बयान सुर्खियों में आया हो. अभी दो दिन पहले ही उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिनी पाकिस्तान बताते हुए हिंदुओं को मुखर होने की अपील की थी. उनके इस बयान से उठा बवंडर अभी शांति भी नहीं हुआ कि अब उन्होंने नया बयान दे दिया है.