आर्मी जवान की जमीन पर दबंगों का कब्जा, बाउंड्री गिराकर गाड़ा खंभा; नायब सूबेदार लगा रहे न्याय की गुहार
मिर्जापुर में एक भारतीय सेना के नायब सूबेदार की जमीन पर दबंगों ने कथित तौर पर अवैध कब्जा कर लिया है. उनकी बाउंड्री तोड़कर खम्भा गाड़ दिया गया है. छुट्टी पर आए जवान को अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही.

मिर्जापुर का एक इंडियन आर्मी का जवान छुट्टी लेकर आने पर परिवार में न रहकर अधिकारियों के दफ्तरों में चक्कर लगा रहा है. गांव के दबंग ने उनके जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है. यहां तक की जेसीबी से बाउंड्री गिराकर जमीन में खंभा गाड़ दिया है. जवान ने लेखपाल और कानूनगो पर मिलीभगत का आरोप लगाया है.
पीड़ित जवान का नाम कृपा शंकर है. वह भारतीय सेना में नायब सूबेदार पद पर कार्यरत हैं. मिर्जापुर सदर तहसील के विंध्याचल थाना क्षेत्र के कलना दुबे गांव में उनकी जमीन पर कब्जा किया गया है. उन्होंने गुरुवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर जमीन से खंभा निकलवाने की मांग की है.
जवान की छुट्टी दफ्तर के चक्कर लगाने में कट रही
नायब सूबेदार कृपा शंकर खंभे को जमीन से हटवाने के लिए एक साल से चक्कर लगा रहे हैं. कमिश्नर, जिलाधिकारी एसडीएम के दफ्तर में जाकर गुहार लगाते हैं. लेखपाल और कानून गो को कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है. मगर मौके पर लेखपाल और कानून गो नहीं जाते हैं, ऐसे में जवान की छुट्टी दफ्तर में ही कट रही है.
दरअसल, यह जमीन नायब सूबेदार जवान कृपा शंकर ने 2013 खरीदी थी. उन्होंने जमीन लेने के बाद सीमांकन कराकर बाउंड्री भी कर दिया था. मगर अचानक जुलाई 2024 में इस जमीन पर कब्जा हो जाता है. तहसील ऑफिस के लेखपाल और क़ानून गो के मिलीभगत से दबंगों ने जेसीबी से बाउंड्री को तोड़वाकर खम्भा गड़वा दिया.
सिस्टम की अव्यवस्था से टूट रहा जवान का सपना
अब मेहनत की कमाई से पाई-पाई जोड़कर खरीदे जमीन को पाने के लिए जवान परेशान हैं. वही सरकारी सिस्टम की अव्यवस्था की वजह से जवान का सपना टूट रहा है. उन्होंने डीएम को ज्ञापन सौंप कर लेखपाल और कानून गो के मिलीभगत का आरोप लगाया है. साथ ही जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है.
सदर एसडीएम खम्भा निकलवाने का आदेश दिया है, इसके बावजूद भी लेखपाल क़ानून गो मौके पर नहीं जा रहे हैं. जवान ने मांग किया है कि जमीन में गड़े खंभे को निकलवाया जाए, बाउंड्री जो टूटी है उसकी भरपाई करते हुए दोषी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए. ताकि दोबारा ऐसा किसी के साथ न हो.