विंध्यवासिनी मंदिर में दक्षिणा को लेकर भिंड़े पंडे, कैंची से हमला… 7 को किया सस्पेंड
मिर्जापुर जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध विंध्यवासिनी मंदिर लाखों लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. लेकिन मंदिर के गर्भगृह में मारपीट और दक्षिणा के लिए पंडों के बीच कैंची से हमला निंदनीय है. श्री विंध्य पंडा समाज ने इस मामले में सात पंडों को 15 दिन के लिए निष्कासित कर दिया है.

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध विंध्यवासिनी मंदिर के गर्भगृह में मारपीट मामले में शुक्रवार को तीर्थपुरोहितों पर बड़ा एक्शन हुआ है. श्री विंध्य पंडा समाज ने सात पंडों को 15 दिन के लिए निष्कासित कर दिया है. इस दौरान इन सबके तीर्थ पुरोहिती और श्रृंगार पूजन पर भी रोक लगा दी गई है. दूसरे मामले में दक्षिणा को लेकर पंडों में भिड़ंत हुई. जिसमें कैंची से भी हमला किया गया था.
हर साल लाखों लोग मां विंध्यावासिनी के दर्शन करने के लिए आते है. ऐसे में यह घटना मंदिर की पवित्रता को धूमिल करने वाली है. श्री विंध्य पंडा समाज ने इस मामले को लेकर जांच कमेटी बैठाई थी. इसमें दोषी पाये जाने के बाद श्रृंगारिया परिवार के दो सदस्यों समेत सात पंडा को 15 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, दक्षिणा को लेकर विवाद मामले में भी दो पर कार्रवाई हुई है.
15 दिन के लिए पूजन पर प्रतिबंध लगा
दरअसल, चार जुलाई को मां विंध्यवासिनी मंदिर के गर्भगृह में श्रृंगारिया शिव जी के बेटे शिवांजू और उनके भतीजे सत्यकाम मिश्रा और दूसरे पक्ष से अमित पांडेय, सुमित पांडेय और नवनीत पांडये के बीच मारपीट हुई थी. श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि इस मामले में इन सभी को 15 दिन के लिए निष्कासित किया गया है. इस दौरान इनके पूजन पर भी प्रतिबंध लगा है.
दक्षिणा को लेकर दो पंडों में कैंची से हमला
वहीं, दूसरा मामला गुरुवार (23 जुलाई) की है. जहां पंडो के बीच दक्षिणा को लेकर जमकर विवाद खड़ा हो गया. दो पक्षों के बीच मामला इतना खराब हो गया कि कैंची से घायल किया गया. इस मामले में सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि दक्षिणा को लेकर निवेदित भट्ट और उत्तम पांडेय के बीच विवाद हुआ. इन दोनों को भी 15 दिन के लिए सस्पेंड किया गया.
तीन सदस्य जांच कमेटी का किया था गठन
श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि चार जुलाई और 23 जुलाई को हुई घटना को लेकर तीन सदस्य कमेटी गठन किया गया था. ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके. घटना की जांच और वीडियो को खंगाला गया. और गैर मर्यादित आचरण को देखते हुए दोनों पक्ष को 15 दिन के लिए निष्कासित किया गया है. इस अवधि तक तीर्थ पुरोहिती और श्रृंगार पूजन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.



