घर के अंदर ही फर्जी पेट्रोल पंप! नोजल से भरता था गाड़ियों में तेल, नजारा देख अधिकारियों का भी चकरा गया सिर

मुरादाबाद में घर के अंदर चल रहा एक फर्जी पेट्रोल पंप पकड़ा गया. यहां से तकरीबन 950 लीटर डीजल बरामद हुआ. फिलहाल, इस मामले में मुख्य आरोपी तनवीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है.

मुरादाबाद में घर के अंदर ही चल रहा था फर्जी पेट्रोल पंप Image Credit:

मुरादाबाद से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, मूंढापांडे थाना क्षेत्र के भैयानगला गांव में एक व्यक्ति अपने घर के भीतर ही बिना किसी लाइसेंस या एनओसी (NOC) के बाकायदा डिस्पेंसिंग मशीन (नोजल) लगाकर अवैध डीजल पंप चला रहा था.

यह पंप घनी आबादी के बीच स्थित था. साथ ही यहां ग्राहकों को बकायदा कंप्यूटर जनित रसीदें भी दी जा रही थीं. जिला आपूर्ति अधिकारी को मिली गोपनीय सूचना के आधार पर आपूर्ति विभाग की टीम ने छापेमारी की. इस दौरान विभाग की टीम भी वहां का नजारा देखकर दंग रह गई.

950 लीटर डीजल बरामद

घर के भीतर पेट्रोल पंपों की तर्ज पर टैंक और मशीनें स्थापित थीं. विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मशीन को सीज कर दिया और करीब 950 लीटर डीजल बरामद किया है. इस मामले में मुख्य आरोपी तनवीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है.

सुरक्षा व्यवस्था और विभागीय सतर्कता पर गंभीर सवाल

आपूर्ति विभाग की इस कार्रवाई ने सुरक्षा व्यवस्था और विभागीय सतर्कता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सुरक्षा के लिहाज से यह मामला बेहद खतरनाक है. बिना लाइसेंस के रिहायशी इलाके में भारी मात्रा में ज्वलनशील पदार्थ का भंडारण किसी बड़े हादसे को दावत दे सकता था.

हाईटेक सेटअप और छापेमारी की कार्रवाई

आपूर्ति विभाग की जांच में सामने आया कि आरोपी तनवीर ने अपने घर को पूरी तरह से एक व्यावसायिक पेट्रोल पंप रूप दे दिया था. क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी आनंद प्रभु सिंह के मुताबिक आरोपी के घर में मौके पर 950-950 लीटर क्षमता के दो टैंक स्थापित पाए गए थे. अवैध कारोबार को प्रामाणिक दिखाने के लिए आरोपी ने वहां एक आधुनिक डिस्पेंसिंग यूनिट (तेल भरने वाली मशीन) लगा रखी थी. इसमें पाइप और नोजल के जरिए केन और गाड़ियों में तेल भरा जाता था.

विभाग ने सूचना मिलने पर सबसे पहले एक डमी ग्राहक भेजकर तेल खरीदने की पुष्टि की. इसके बाद टीम ने दबिश दी. संचालक मौके पर कोई भी वैध दस्तावेज, लाइसेंस या जिलाधिकारी की तरफ से जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) पेश नहीं कर सका. प्रशासन ने मौके से बिक्री की पर्चियां भी जब्त की हैं, जो इस अवैध धंधे के बड़े पैमाने पर चलने का प्रमाण हैं.

पुलिस की जांच और सुरक्षा पर उठते सवाल

एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि थाना मूंढापांडे में आपूर्ति विभाग की तहरीर पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. आपूर्ति विभाग और पुलिस अब इस बात की तफ्तीश कर रही है कि आरोपी इतने बड़े पैमाने पर डीजल कहां से लाता था और यह अवैध सेटअप कितने समय से सक्रिय था. इसके अलावा संदेह है कि अधिक मुनाफे के चक्कर में डीजल में मिलावट भी की जा रही थी. इसके लिए सैंपल लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं.