UP तक पहुंची नेपाल हिंसा की आंच! इन जिलों की सीमाएं सील, DGP ने जारी किया अलर्ट; कंट्रोल रूप से निगरानी
नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के विरोध में भड़की हिंसा की आंच उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई है. यूपी के सीमावर्ती 7 जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है. पुलिस ने सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है और सोशल मीडिया पर नज़र रख रही है. साथ ही नेपाल में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है.
सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ पड़ोसी देश नेपाल में भड़की हिंसा की आंच बॉडर्र पार उत्तर प्रदेश में भी आने की आशंका है. तनाव की स्थिति को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्णा ने सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है. इसी के साथ नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और हालात पर नजर रखने के लिए पुलिस मुख्यालय में कंट्रोल रूम का गठन किया गया है.
इसी के साथ पुलिस ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ और संवेदनशील पोस्ट की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. पुलिस ने लोगों को अफवाहों पर ध्यान ना देने और किसी भी भ्रामक पोस्ट को प्रसारित ना करने की अपील की है. बता दें कि नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और यूट्यूब पर प्रतिबंध के बाद बवाल हो रहा है. हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 19 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 300 से अधिक लोगों के घायल होने की भी खबर है.
24 घंटे अलर्ट पर यूपी पुलिस
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और गृह मंत्री रमेश लेखक के इस्तीफे के बाद भी वहां स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. चूंकि नेपाल के साथ उत्तर प्रदेश के महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत आदि जिलों का रोटी-बेटी का नाता है. ऐसे में वहां फैली आशंति की आंच इन जिलों तक पहुंचने की आशंका है. हालात को देखते हुए डीजीपी ने पुलिस को 24×7 अलर्ट पर रहने को कहा है. इसी के साथ उन्होंने इन सातों जिले में सीमा पर निगरानी बढ़ाने, गश्त को सघन करने और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने के आदेश दिए हैं.
कंट्रोल रूम की कमान अमिताभ यश को
बलरामपुर एसपी विकास कुमार के मुताबिक डीजीपी के आदेश के बाद ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए सीमावर्ती क्षेत्रों की निगरानी कराई जा रही है. सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से गश्त कर रही है. अधिकारियों के मुताबिक इस समय नेपाल में फंसे भारतीय व्यापारी, छात्र, तीर्थयात्री और पर्यटकों को बाहर निकालने की कवायद भी जारी है.इनकी मदद के लिए गठित विशेष नियंत्रण कक्ष की कमान एडीजी (कानून-व्यवस्था) अमिताभ यश को सौंपी गई है.
क्यों भड़की नेपाल में हिंसा?
नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. तर्क दिया था कि ये सोशल साइट्स नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में पंजीकृत नहीं हैं. सरकार के इस फैसले के खिलाफ नेपाल के लोगों खासकर युवाओं ने काठमांडू, पोखरा, बुटवल और भैरहवा जैसे शहरों में हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिए. प्रदर्शनकारियों ने नेपाली संसद में भी घुसने की कोशिश की और कई स्थानों पर आगजनी की. स्थिति पर काबू पाने के लिए नेपाल सरकार ने सेना तैनात की और कई शहरों में कर्फ्यू लागू किया है.
यूपी में क्यों आ रही इस हिंसा की आंच
नेपाल में भड़की हिंसा की आंच से यूपी के 7 जिले भी प्रभावित हो रहे हैं. यहां सिद्धार्थनगर में रहने वाले रवि तिवारी ने कहा, “भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है. सोशल मीडिया के जरिए हम अपने रिश्तेदारों से जुड़े रहते थे, लेकिन अब यह संपर्क टूट गया है. उधर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. साथ ही उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.