कर्ज वापसी का बहाने भाभी को अगवा किया, फिर पत्थर से कूचकर ले ली जान; क्यों हैवान बन गई ‘ननद’?
प्रयागराज के मेजा में चार महीने पहले हुए उर्मिला हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. यह वारदात उर्मिला की ननद और एक मौलाना ने मिलकर 9.5 लाख रुपये के कर्ज के लेनदेन के विवाद में अंजाम दिया था. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मांडा के जंगल से उर्मिला का कंकाल बरामद किया है.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चार महीने पहले हुए उर्मिला हत्याकांड का खुलासा हो गया है. यह वारदात किसी और ने नहीं, बल्कि मृत महिला उर्मिला के रिश्ते में ननद ने एक मौलाना के साथ मिलकर अंजाम दिया था. पुलिस ने संदेह के आधार पर दोनों से पूछताछ की. इसमें वारदात का खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर मांडा स्थित जंगल से उर्मिला का कंकाल बरामद कर लिया है. पुलिस ने अब दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर जेल भेजते हुए मामले की वैज्ञानिक जांच शुरू कर दी है.
यह वारदात प्रयागराज के मेजा से सटे उरुवा गांव की है. इस गांव में रहने वाली उर्मिला देवी (45) के पति वीरेंद्र गुप्ता हलवाई हैं और उरुवा चौराहे पर मिठाई की दुकान करते हैं. पुलिस को दिए शिकायत में वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि चार महीने पहले छह अप्रैल को उनकी पत्नी उर्मिला को उनकी ममेरी बहन गुड़िया बुलाकर ले गई थी. उसे लेने के लिए गुड़िया के साथ यहां मौलाना पिंटू अंसारी भी आया था. बताया कि गुड़िया के जरिए मौलाना पिंटू का झाड़फूंक के बहाने उसके घर में पहले से आना जाना था.
कर्ज वापसी के बहाने से ले गए थे आरोपी
इसी बीच पिंटू ने एक साल में रुपये दोगुना करने के नाम पर उर्मिला से 9.5 लाख रुपये लिए थे.साल भर बाद बीतने के बाद जब उर्मिला ने अपने पैसे मांगे तो आरोपियों ने उनकी पत्नी को अपने साथ चलने को कहा और उसे अगवा कर लिया. पीड़ित पति वीरेंद्र गुप्ता के मुताबिक उस दिन देर रात तक उसकी पत्नी वापस नहीं लौटी तो वह अगले दिन गुड़िया के घर पहुंचा और पूछताछ की. इस दौरान वहां मौजूद पिंटू ने दो लाख रुपये की फिरौती मांगी. कहा कि पैसे नहीं देने पर वह उसकी पत्नी को बेच देगे. इसके बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दी थी.
ऐसे खुला हत्या का राज
इधर, पुलिस ने जैसे ही दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया, आरोपी हाईकोर्ट पहुंच गए और एंटीसेपेट्री बेल ले आए. ऐसे में पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार तो नहीं किया, लेकिन मामले की जांच चलती रही. आरोपियों की कॉल डिटेल रिपोर्ट व मोबाइल लोकेशन में इनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई. इसके बाद पुलिस ने दोनों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ की. इसमें आरोपी टूट गए और वारदात को कबूल लिया. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है.



