11 कुंटल फूल, रोशनी की चकाचौंध और लेजर लाइट से सीता स्वयंवर… राममंदिर के ध्वजारोहण में ऐसे सज रही अयोध्या
रामनगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के ध्वजारोहण की तैयारी लगभग पूरी हो गई है. इस अवसर पर पूरा शहर दुल्हन की तरह सज रहा है, जिसमें लेज़र लाइट से सीता स्वयंवर और 11 कुंटल फूलों से मंदिर की सजावट मुख्य आकर्षण होगी. प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में यह उत्सव प्राण-प्रतिष्ठा से भी भव्य बनाने का लक्ष्य है.
रामनगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार है. मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आ रहे हैं. इस अवसर पर ना केवल राम मंदिर, बल्कि पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह से सजाया जा रहा है. माना जा रहा है कि मंदिर शिखर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम अपनी भव्यता में प्राण प्रतिष्ठा वाले कार्यक्रम से किसी भी मायने में कम नहीं होगा.
साढ़े पांच सौ सालों के संघर्ष के बाद आए इस पवित्र अवसर की खुशी रामभक्तों के चेहरे से भी झलक रही है.. खासतौर पर बीजेपी, आरएसएस और बजरंग दल समेत तमाम हिन्दू संगठनों ने जश्न के आयोजन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. खुशी राम मंदिर का काम पूरा होने का तो है ही, बिहार विजय के बाद बीजेपी और सत्तारुढ उत्तर प्रदेश सरकार का उत्साह कई गुना बढ़ा हुआ है. इसलिए कोशिश यह है कि इस बार का उत्सव प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से भी बड़ा हो.
लेजर लाइट से होगा सीता स्वयंवर
इस कार्यक्रम में लेजर लाइट का खूब इस्तेमाल होने वाला है. राम मंदिर के शिखर पर लेजर लाइट व प्रोजेक्शन मैपिंग से रोशन किया जाएगा. यहां रोशनी की चकाचौंध में भगवान श्रीराम व माता सीता एक दूसरे को जयमाल पहनाते नजर आएंगे. शुक्रवार और शनिवार की रात में ही इन लाइटों का ट्रॉयल कर लिया गया है. मंदिर प्रबंधन के मुताबिक यह दृष्य नयनाभिराम होगा और इसे देखकर श्रद्धालुओं प्रफुल्लित हो उठेंगे.
11 कुंटल फूलों से सजेगा राम मंदिर
मंदिर प्रबंधन के मुताबिक इस अवसर को भव्य बनाने के लिए पूरे मंदिर परिसर को फूलों से सजाया जा रहा है. इसके लिए 11 कुंटल से अधिक फूल मंगाए जा रहे हैं. इसके लिए तैयारियां पहले से ही शुरू कर दी गई है. चूंकि ध्वजारोहण का कार्यक्रम विवाह पंचमी का दिन होने जा रहा है. ऐसे में मंदिर प्रबंधन इस उत्सव को लेकर खूब उत्साहित है. मंदिर प्रबंधन के मुताबिक पूरे कैंपस के 30 प्रतिशत हिस्से पर तो निर्माण किया गया है, वहीं बाकी का 70 प्रतिशत हिस्सा हरा-भरा किया जा रहा है.