‘हालात बता रहे मौत जवानी में होगी’ पहले लगाया स्टेटस, फिर किया सुसाइड; मेडिकल स्टूडेंट की मौत से हड़कंप

सहारनपुर में एक डी-फार्मा छात्र वंश ने 'हालात बता रहे मौत जवानी में होगी' स्टेटस लगाकर आत्महत्या कर ली. 20 वर्षीय वंश अपने माता-पिता के बीच दस साल से चले आ रहे झगड़ों और अलगाव से बेहद परेशान था. पंखे से लटककर उसने अपनी जीवन लीला समाप्त की. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

सांकेतिक तस्वीर Image Credit:

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक मेडिकल स्टूडेंट ने हैरतंगेज तरीके से सुसाइड कर लिया. मौत को गले लगाने से पहले इस छात्रा ने वाट्सऐप पर स्टेटस लगाया कि ‘हालात बता रहे मौत जवानी में होगी’. सूचना मिलते ही हरकत में आई पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस की प्राथमिक जांच में पता चला है कि इस छात्र के माता-पिता के बीच संबंध ठीक नहीं थे. आए दिन इनके बीच झगड़े होते थे. इससे छात्र परेशान हो गया था. मामला सहारनपुर के छुटमलपुर कस्बे में नई बस्ती का है.

पुलिस के मुताबिक यहां रहने वाले डी-फार्मा के छात्र वंश (20) ने सुसाइड किया है. उसका शव कमरे में पंखे से लटका मिला है. उसने अपने मफलर से फंदा बनाकर मौत को गले लगाया है. पुलिस के मुताबिक वंश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था और माता पिता के बीच बिगड़े संबंधों से बहुत दुखी थी. मामले की जांच कर रही पुलिस ने बताया कि वंश की मां रीता रानी कमालपुर गांव में आशा वर्कर हैं. जबकि उसके पिता जितेंद्र पेंटर का काम करते हैं.

10 साल से अलग रहते थे माता-पिता

पुलिस के मुताबिक वंश के माता-पिता आपसी झगड़ों की वजह से करीब 10 साल पहले ही अलग हो गए थे. जितेंद्र तो गांव में रहता था, जबकि वंश अपनी मां और दो बहनों के साथ छुटमलपुर में कमरा लेकर रहता था. शनिवार को जब उसकी बड़ी बहन वंशिका नौकरी पर चली गई और छोटी बहन ट्यूशन चली गई तो वंश ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस को अपडेट किया. लिखा कि हालात बता रहे कि मौत जवानी में होगी. इसके बाद वह अपने कमरे में फंदे से लटक गया. थोड़ी देर बाद जब उसकी मां कमरे में गई तो बेटे को फंदे से लटका देखा.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

वंश की मौत के बाद भी उसके मां-बाप के बीच विवाद बना रहा. मौके पर पहुंचे जितेंद्र और उसके परिवार के लोगों ने बेटे की हत्या का आरोप लगाया. वहीं रीता ने भी इसके लिए जितेंद्र को ही जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की. स्थिति को देखते हुए पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा. फिर अंतिम संस्कार के वक्त भी दोनों पक्षों में विवाद हो गया. रीता छुटमलपुर के श्मशान में अंतिम संस्कार कराना चाहती थी, जबकि जितेंद्र बेटे का शव लेकर अपने गांव जाना चाहता था. हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप से शव का अंतिम संस्कार छुटमलपुर के श्माशान में हुआ.