भाई ने बहन के लिए मांगी थी मन्नत, पूरी हुई, तो कुछ इस तरह निभाया भोलेनाथ से वादा

सहारनपुर के रहने वाले कन्हैया कश्यप ने अपनी बहन के लिए भोलेनाथ से मन्नत मांगी थी. जब उनकी मन्नत पूरी हो गई, तो उन्होंने अनोखे अंदाज में अपना वादा पूरा किया. इसके लिए उन्होंने 300 लीटर गंगाजल वाली कांवड़ लेकर हरिद्वार से पैदल यात्रा की. अब उनके इस काम को खूब सराहा जा रहा है.

300 लीटर गंगाजल की कांवड़

सावन के महीने में भक्त भगवान शिव को अपने- अपने तरीके से खुश करने की कोशिश करते हैं. माना जाता है कि इस महीने में भोलेनाथ बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं. इसीलिए सहारनपुर के रहने वाले कन्हैया कश्यप ने भी अपनी बहन के लिए एक मन्नत मांगी, जब उनकी मनोकामना पूरी हो गई, तो उन्होंने भगवान शिव का अनोखे अंदाज में धन्यवाद किया. अब इसी काम काम के चलते उनकी काफी सराहना की जा रही है.

मांगी थी ये मन्नत

कन्हैया के मुताबिक उन्होंने बाबा से प्रार्थना की थी कि उसकी बहन की गोद भर जाए. इसके लिए उन्होंने वादा किया कि अगर उनकी ये मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वो इस बार सावन में 300 लीटर गंगाजल अपने कंधों पर लेकर हरिद्वार से सहारनपुर के लिए पैदल जाएंगे और शिव का जलाभिषेक करेंगे.

उन्होंने बताया कि ये उनकी तीसरी बार की कांवड़ यात्रा है. पहली बार उन्होंने 201 लीटर और दूसरी बार 251 लीटर गंगाजल से बाबा का अभिषेक किया था. इस बार जब उनकी मुराद पूरी हो गई तो उन्होंने 300 लीटर गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक करने का संकल्प लिया. उनका कहना है कि ये उनकी भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है.

कंधेपर 300 लीटर गंगाजल 105 KM पैदल

हरिद्वार से सहारनपुर की दूरी करीब 105 किलोमीटर है, जिसे कन्हैया बिना किसी थकान के नाप रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें ये शक्ति भगवान ने दी है, जिसकी वजह से वे इतनी भारी- भरकम कांवड़ उठा पा रहे हैं. फिलहाल उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

मौजूदा कांवड़ यात्रा के दौरान अलग- अलग तरह से श्रद्धालुओं का भक्तिभाव देखने को मिल रहा है. इसमें से कुछ दृश्य ऐसे भी दिखाई दे जाते हैं कि लोग न चाहते हुए भी वहां रुककर देखने के लिए मजबूर हो ही जाते हैं.

अपना- अपना भाव

कांवड़ यात्रा में कोई दशानन के रूप में तो कोई मुस्कान वाली नीली ड्रम को पवित्र करने के इरादे से यात्रा कर रहा है. फिलहाल सबकी अपनी- अपनी भक्ति है और भोलेनाथ के बारे में तो कहा जाता है कि वे बहुत जल्द खुश हो जाते हैं. इसीलिए सभी भक्त अपने- अपने ढ़ंग से भोलेनाथ को खुश करने की कोशिश में हैं.