संभल सांसद के घर पर तीसरे दिन भी चला हथौड़ा, तेजी से टूट रही बिल्डिंग; जानें क्या है मामला

संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क के घर का अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी है. सांसद पर बिना नक्शा पास कराए निर्माण के आरोप हैं. उनपर 1.35 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. तीन दिन में मकान का 40 प्रतिशत अवैध निर्माण वाला हिस्सा टूट चुका है.

संभल सांसद के घर पर तीसरे दिन भी चला हथौड़ा

संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क के घर पर गुरुवार को तीसरे दिन भी तोड़फोड़ जारी है. अवैध निर्माण को हटाने के लिए एसडीएम ने 30 दिन का अल्टीमेटम दिया था, जिसे न मानने पर बुलडोजर कार्रवाई शुरू हुई. सांसद खुद भी अवैध हिस्से को तोड़ रहे हैं. यह कार्रवाई बिना नक्शा पास कराए निर्माण करने के आरोप में की जा रही है.

संभल में समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उन पर बिना नक्शा पास कराए मकान निर्माण करने के आरोप साबित हो चुका है. सांसद के निवास का लगभग 14 मीटर लंबा और 1 मीटर गहरा हिस्सा तोड़ा जा रहा है. इसके साथ ही धारा 9 के तहत 1.35 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

3 दिन में 40 प्रतिशत अवैध निर्माण तोड़ा गया

सपा सांसद के दीपसराय क्षेत्र में बनी निवास पर यह कार्रवाई चल रही है. सांसद ने खुद भी कुछ हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया है. यह कार्रवाई लगातार तीसरे दिन भी जारी है और बिल्डिंग तेजी से टूट रही है. इसके पिछले दो नोटिस भी सांसद को दिए गए थे, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला था, जिसके बाद इस क़दम उठाया गया है.

तोड़फोड़ में लगे ठेकेदार दिलशाद ने बताया कि सांसद के घर के छज्जे और सीढ़ियों को तोड़ दिया गया है. कुल 151 वर्ग फीट एरिया में यह कार्य किया जा रहा है. इसके तोड़ने में 6 से सात मजदूर लगे हुए हैं. तीन दिनों में दो मंजिल का 40 प्रतिशत अवैध निर्माण तोड़ दिया गया है. एसडीएम संभल विकास चंद्र ने अवैध निर्माण हटाने के निर्देश दिए थे.

8 महीने चली सुनवाई के बाद यह कार्रवाई

संभल सांसद के मकान में अवैध निर्माण को लेकर एसडीएम कोर्ट में मुकदमा चल रहा था. वहीं, कोर्ट ने 12 अगस्त को अवैध निर्माण को हटाने का आदेश दिया था. इसके बाद एसडीएम विकास चंद्र ने 30 दिन का अल्टीमेटम दिया था. एसडीएम ने बताया कि सांसद बर्क ने बिना नक्शा पास कराए मकान का निर्माण कराया.

उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई यह संदेश भी देती है कि कानून सबके लिए समान है. अवैध निर्माण को लेकर पहला नोटिस 5 दिसंबर, 2024 को दिया गया था. 8 महीने चली सुनवाई के बाद यह फैसला आया है. सांसद के इस अवैध निर्माण की किसी ने शिकायत नहीं की थी. उप-विभागीय मजिस्ट्रेट ने स्वयं संज्ञान लेकर नोटिस जारी किया था.