सोनभद्र खदान हादसा: नियमों का हो रहा था खुला उल्लंघन, DGMS ने मालिक को ठहराया जिम्मेदार
सोनभद्र खदान हादसे के बाद DGMS ने कृष्णा माइनिंग में बड़ी कार्रवाई शुरू की है. जांच में खदान में गंभीर सुरक्षा खामियां और माइंस एक्ट का खुला उल्लंघन पाया गया. DGMS अधिकारियों ने खदान मालिक और प्रबंधन को हादसे का जिम्मेदार ठहराया है. खदान हादसे में 7 मजदूरों की मौत हुई थी.
सोनभद्र के ओबरा स्थित कृष्णा माइनिंग में हुए भीषण हादसे के बाद अब खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS) एक्शन में है. DGMS की टीम ने शनिवार को घटना स्थल का विस्तृत निरीक्षण किया. इस दौरान खदान में कई गंभीर खामियां और सुरक्षा नियमों का खुला उल्लंघन सामने आया, जिसने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है.
जांच टीम के मुताबिक, खदान में माइंस एक्ट की धारा 22/3 का उल्लंघन हुआ है. प्रतिबंधित और जोखिम वाले हिस्सों में खनन हो रहा था. टीम ने पाया कि खदान में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया, न ही आपातकालीन बचाव व्यवस्था उपलब्ध थी. खनन क्षेत्र में गैस मॉनिटरिंग, चट्टान स्थिरता जांच और श्रमिक सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी पाई गई.
मालिक और प्रबंधन को माना जाएगा जिम्मेदार
DGMS अधिकारियों ने साफ संकेत दिया कि जांच रिपोर्ट में खदान मालिक और प्रबंधन को हादसे का जिम्मेदार माना जाएगा. उनका कहना है कि लापरवाही और गैरकानूनी खनन गतिविधियों के कारण ही यह बड़ा हादसा हुआ, जिसमें अब तक मलबे से 7 मजदूरों के शव निकाले जा चुके हैं. अभी भी रेस्क्यू और मलबा हटाने का काम जारी है.
अन्य खदानों में भी होगी गंभीर समीक्षा- टीम
जांच टीम ने यह भी बताया कि केवल इसी खदान में नहीं, बल्कि आसपास संचालित अन्य खदानों में भी सुरक्षा मानकों की गंभीर समीक्षा की जाएगी. DGMS टीम ने राज्य सरकार के साथ मिलकर नए सुरक्षा निर्देश और नियम लागू करने की तैयारी का संकेत दिया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
खदान में पुलिस और रेस्क्यू टीमें अभी भी तैनात
बिल्ली–मारकुंडी की पत्थर खदान में 15 नवंबर को यह भीषण हादसा हुआ था. खदान क्षेत्र में स्थानीय प्रशासन, पुलिस और रेस्क्यू टीमें अभी भी तैनात हैं. वहीं, इस भीषण हादसे को लेकर मजदूरों और क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश है, जो खदान संचालकों पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
रिपोर्ट- मोहित मिश्रा टीवी9, सोनभद्र