यूपी के छोटे शहर भी बनेंगे मेट्रो सिटी, 13 जिलों में बनेगी 30 ग्रीनफील्ड टाउनशिप्स, खर्च होंगे 6000 करोड़
यूपी सरकार छोटे शहरों को भी मेट्रो सिटी के तर्ज पर विकसित करने जा रही है. इसके लिए मथुरा और अयोध्या समेत 13 प्रमुख शहरों को चुना गया है. यूपी के 13 शहरों में 30 ग्रीनफ़ील्ड टाउनशिप विकसित होंगी. परियोजना के लिए ₹6000 करोड़ से अधिक का बजट पास है.

योगी सरकार ने यूपी में शहरीकरण को नई दिशा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है. उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद (UPHDB) 13 शहरों में 30 ग्रीनफील्ड टाउनशिप्स विकसित करने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है. इस परियोजना के लिए ₹6000 करोड़ से अधिक के बजट को मंजूरी पहले दे गयी है, जिसका उद्देश्य छोटे और मध्यम शहरों को मेट्रो सिटी के समकक्ष विकसित करना, आवास की कमी को दूर करना और नियोजित शहरीकरण को बढ़ावा देना है.
इन शहरों में मिलेगी मेट्रो सिटी जैसी सुविधाएं
यूपी टाउनशिप नीति 2023 के तहत शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत अलीगढ़, मेरठ, झांसी, मथुरा, आगरा, मुरादाबाद, कानपुर, फिरोजाबाद, बुलंदशहर, बांदा, अयोध्या, रामपुर और सहारनपुर जैसे 13 शहरों में 30 टाउनशिप्स विकसित की जाएंगी. हर एक टाउनशिप कम से कम 12.5 एकड़ में फैली होगी. जहां लोगों को मेट्रो सिटी जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी.

यूपी आवास विकास परिषद के अधिकारियों के अनुसार, कुछ परियोजनाएं सितंबर 2025 से शुरू हो जाएंगी, जबकि कई टाउनशिप्स का निर्माण कार्य दिवाली तक गति पकड़ लेगा. इस पहल का मुख्य उद्देश्य रियल एस्टेट क्षेत्र को गति देने के अलावा, कम आय वाले वर्ग के लिए किफायती और गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराना भी है.
अनूठा वित्तीय मॉडल, रूपांतरण शुल्क में छूट
इस योजना को लागू करने के लिए सरकार ने एक अनूठा वित्तीय मॉडल अपनाया है. भूमि अधिग्रहण की लागत का 50% हिस्सा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, जिसे विकास प्राधिकरण 20 वर्षों की अवधि में चुकाएंगे. इसके अलावा, रूपांतरण शुल्क में 25 से 50% तक की छूट दी जाएगी. परियोजना को सुगम बनाने के लिए एकल-खिड़की (सिंगल-विंडो) समाशोधन तंत्र लागू किया गया है. यह तंत्र न केवल समय पर परियोजनाओं को पूरा करने में सहायता करेगा, बल्कि डेवलपर्स के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी सरल बनाएगा.
छोटे शहरों को मेट्रो सिटी का दर्जा
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम छोटे और मध्यम शहरों को मेट्रो सिटी के स्तर तक ले जाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है. लखनऊ और कानपुर जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ अयोध्या, सहारनपुर और बांदा जैसे शहरों को भी इस योजना में शामिल किया गया है, जो अब तक बड़े पैमाने पर शहरी विकास से अछूते रहे हैं. इन टाउनशिप्स में चौड़ी सड़कें, हरित क्षेत्र, सिवेज सिस्टम, बिजली आपूर्ति और सामुदायिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

यह परियोजना पहले से मेरठ, मथुरा और कानपुर जैसे शहरों के चल रही है. इस टाउनशिप्स में मध्यम और निम्न-आय वर्ग के लिए किफायती आवास उपलब्ध होंगे. शहरों के बाहरी इलाकों में विकसित होने के कारण जमीन की लागत कम होगी, जिसका सीधा फायदा घर खरीदने वालों को मिलेगा. इसके अलावा, इन टाउनशिप्स में स्कूल, अस्पताल, बाजार और अन्य सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी, जिससे लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा.
त्योहारी सीजन से पहले निर्माण कार्य होंगे शुरू
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि परियोजनाओं में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सरकार का लक्ष्य है कि आगामी त्योहारी सीजन से पहले कई टाउनशिप्स का निर्माण कार्य शुरू हो जाए. यह पहल छोटे शहरों को भी आधुनिक मेट्रो सिटी में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.