बाहुबली नेता उमाकांत यादव को हाई कोर्ट से राहत… लोवर कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा
पूर्वांचल के बाहुबली नेता और BSP के पूर्व सांसद उमाकांत यादव को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. लोवर कोर्ट ने उन्हें GRP हत्याकांड के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अब हाई कोर्ट ने इस मामले में लोवर कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है.

यूपी के जौनपुर से BSP के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता उमाकांत यादव को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने 30 साल पुराने मामले में उनकी उम्रकैद की सजा को रद्द कर दिया. ये मामला शाहगंज जंक्शन पर हुए GRP हत्याकांड का था. इसी में लोवर कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया गया था. 18 अगस्त को हाई कोर्ट ने इसी मामले में उनको कुछ शर्तों के तहत एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी.
GRP सिपाहियों पर बरसाई थी गोलियां
दरअसल, ये मामला 4 फरवरी 1995 का है. शाहगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर बेंच पर बैठने की बात को लेकर कुछ लोगों का झगड़ा हो गया. उसमें उमाकांत का ड्राइवर राजकुमार भी शामिल था. इसके बाद GRP चौकी के सिपाहियों ने राजकुमार को हिरासत में लिया. सूचना पाकर उमाकांत यादव ने अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचकर GRP पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं.
बुधवार को चुनाव लड़ने याचिका पर विचार करते हुए हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के आधार पर निचली अदालत की की सजा को सस्पेंड कर दिया. ऐसे में अब उनके चुनाव लड़ने का भी रास्ता साफ हो गया है. फिलहाल अभी उमाकांत यादव दूसरे मामलों में जौनपुर जेल में बंद हैं.
GRP हत्याकांड मामले में मिली थी उम्रकैद
दरअसल, जौनपुर की MP- MLA कोर्ट ने बाहुबली उमाकांत यादव समेत 7 लोगों को शाहगंज जंक्शन पर हुए GRP हत्याकांड के मामले में दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसी के चलते वे पिछले करीब 7 सालों से जौनपुर की जिला जेल के बंद हैं.
हाई- कोर्ट ने शर्तों पर दी थी जमानत
इसके बाद उनकी जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. उमाकांत यादव 72 साल हैं. ऐसे में कोर्ट ने उनकी उम्र को देखते हुए कुछ शर्तों पर उम्रकैद के मामले में जमानत दे दिया था. इसे लेकर कोर्ट ने कहा था कि जमानत के बाद उमाकांत अपनी किसी भी चल व अचल संपत्ति को प्रभावित नहीं करेंगे. फिलहाल जमानत मिलने के बाद भी वे जेल से नहीं छूट पाए क्योंकि उन पर अन्य कई मामलों भी दर्ज हैं. इन मामलों में जमानत मिलने के बाद ही उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो पाएगा.
हाई- कोर्ट ने दी राहत
उन्होंने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू बनाम पंजाब राज्य और अन्य मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के फैसलो का हवाला दिया गया था. फिलहाल अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ये फैसला सुनाया.