यतीमखाना मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की सुनवाई, आजम खां को जवाब के लिए 2 हफ्ते का वक्त

रामपुर के यतीमखाना ढ़हाए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 28 अगस्त को सुनवाई की. इधर यूपी सरकार ने अपना जवाबी हलफनामा दाखिल किया. तो वहीं आजम खां पक्ष ने इसका जवाब देने के लिए दो हफ्ते के समय की गुजारिश की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई सुनवाई.

रामपुर में यतीमखाना ढहाए जाने के मामले में राज्य सरकार ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया. पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां और अन्य की याचियों ने इसका प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा. इस मांग को स्वीकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के लिए 16 सितंबर को जबाब दाखिल करने के निर्देश दिए है.

कोर्ट में हुई सुनवाई

न्यायमूर्ति समीर जैन ने यह आदेश सीनियर एडवोकेट S.F.A नक़वी, एडवोकेट सैयद अहमद फैज़ान और आजम खां और उनके सहयोगी वीरेंद्र गोयल की ओर से सीनियर एडवोकेट N.I जाफरी, अधिवक्ता शाश्वत आनंद एवं शशांक तिवारी को सुनने के बाद दिया. कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान याचिका में संशोधन की अनुमति दी थी. याचियों का कहना है कि वीडियोग्राफी घटनास्थल पर उनके अब्सेंस को साबित कर सकती है.

2019 में हुआ था केस

ये मामला 2016 में यतीमखाना ढहाए जाने के मामले में 2019 में रामपुर के कोतवाली थाने में दर्ज 12 FIR पर आधारित है. इनमें आजम खां और अन्य लोगों पर डकैती, घर में जबरन प्रवेश और आपराधिक साजिश के आरोप हैं. इन सभी को विशेष न्यायाधीश (MP- MLA) रामपुर ने एकल वाद में समाहित कर दिया था.

अगली सुनवाई 16 सितंबर को

इन याचिकाओं में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें गवाहों को दोबारा बुलाने और वीडियोग्राफी कराने की मांग की गई थी. आजम खां पक्ष का कहना है कि यह मुकदमा राजनीति से प्रेरित है. जिसमें संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 20 और 21 का साफतौर से उल्लंघन किया गया है. फिलहाल अगली सुनवाई 16 सितंबर को होनी है. अब देखने वाली बात ये होगी कि अगली सुनवाई के दौरान इस केस में क्या अपडेट देखने को मिलेगा.

रिपोर्ट- मनीष वर्मा