तीन‍ किमी. पर होगा एक स्‍कूल… यूपी में अपर प्राइमरी स्‍कूलों के विलय का रास्‍ता साफ

यूपी सरकार ने बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए एक नई स्कूल विलय नीति लागू की है. इस नीति के तहत, 3 किमी के दायरे में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज किया जाएगा. जबकि, प्राथमिक विद्यालयों के लिए यह दूरी 1 किमी ही रहेगी. इस संबंध में सभी जिलों के बीएसए को पत्र जारी किया गया है.

प्राइमरी स्कूल के छात्र (फाइल फोटो) Image Credit: ट्विटर

उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए स्कूलों के विलय को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. नए निर्देशों के तहत, अब तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज किया जाएगा. पहले यह दूरी केवल एक किलोमीटर थी. इस बदलाव का उद्देश्य कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बेहतर संसाधनों वाले स्कूलों से जोड़ना है.

यूपी में स्कूल मर्जर की नई नीति के तहत प्राथमिक विद्यालयों की पेयरिंग एक किलोमीटर के दायरे में होगी. जबकि परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए यह दूरी तीन किलोमीटर निर्धारित की गई है. यह कदम शिक्षा मंत्रालय के आदेशों के अनुरूप उठाया गया है, जिसका पालन सुनिश्चित करने के लिए शासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं.

यूपी के सभी जिलों के BSA को पत्र जारी

महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) कंचन वर्मा ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को इस बाबत पत्र जारी किया है. साथ ही सभी अधिकारियों को शासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है. उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि मर्जर की प्रक्रिया पारदर्शी हो और स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर लागू की जाए.

अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) दीपक कुमार ने 16 जून, 2025 के निर्देशों के अनुपालन में एक पत्र जारी किया है. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत जिन स्कूलों में छात्र नामांकन 50 से कम है, उन्हें नजदीकी स्कूलों के साथ पेयर किया जाए. इस प्रक्रिया में स्थानीय परिस्थितियों और आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाएगी.

50 से अधिक छात्र वाले स्कूल का पेयरिंग निरस्त

इसमें कहा गया है कि प्रदेश के 50 से कम छात्र नामांकन वाले विद्यालयों की पेयरिंग की जाए. प्राथमिक विद्यालयों की पेयरिंग 1 किमी जबकि, उच्च प्राथमिक विद्यालयों की पेयरिंग 3 किमी की सीमा के अन्तर्गत की जाए. साथ ही 50 या इससे अधिक छात्र नामांकन वाले विद्यालयों की पेयरिंग को निरस्त किए जाने के 30 जुलाई 2025 के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए.